चीनी फौज समझौते के बावजूद लद्दाख से नहीं हटी

सुरेश एस डुग्गर
सोमवार, 30 नवंबर 2020 (16:53 IST)
जम्मू। चीनी सेना एक बार फिर अपने समझौतों से पीछे हट गई है। 6 नवंबर को कोर कमांडर स्तर की बैठक में हुए समझौते को नकारते हुए अब उसने पहले भारतीय जवानों को उन चोटियों से हटने की शर्त जोड़ दी है, जहां बढ़त हासिल करते हुए भारतीय सेना ने कब्जा कर चीनी सेना के कदमों को रोकने के साथ ही उनके लिए एक सुरक्षा की मजबूत दीवार खड़ी कर दी थी।
 
जानकारी के लिए 11 नवंबर को खुद सेना के सूत्रों ने यह जानकारी थी कि पिछले 8 महीनों से लद्दाख में एलएसी पर डटी हुई चीनी फौज तीन चरणों में पीछे हटने को राजी हो गई है। यह भी कहा गया था कि अगले एक हफ्ते में वह 30 फीसदी जवानों को पीछे ले जाने पर सहमति जता चुकी है।
ALSO READ: बड़ी ख‍बर, भारत-चीन के बीच 5 सूत्री समझौते पर हुई सहमति
हालांकि भारतीय पक्ष तब भी आशंकित था। दोनों पक्षों द्वारा फौज हटाने की सहमति 6 नवंबर को कोर कमांडर स्तर पर चुशूल में बातचीत के दौरान हुई थी। अधिकारियों के मुताबिक, पहले दौर में दोनो देशों की आर्म्ड व्हीकल यानी कि तोप और टैंक एलओसी से पीछे ले जाए जाने थे। और दूसरे दौर में पैंगोंग लेक के उत्तरी किनारे से दोनों देश अपनी सेना को पीछे हटाने की सहमति के साथ ही चीन अपनी सेना को फिंगर 8 के पीछे यानी अपनी पुरानी जगह पर ले जाने को राजी हो गया था। इसके लिए भारत को भी अपनी सेना को धान सिंह थापा पोस्ट तक लेकर आने के लिए ‘मजबूर’ किया गया था।
 
हालांकि ऐसा कुछ अभी तक शुरू ही नहीं हो पाया है। कारण चीनी सेना का अप्रत्यक्ष तौर पर समझौते से पीछे हटना बताया जा रहा है। रक्षा सूत्र कहते हैं कि चीनी सेना ने अब सेना वापसी के लिए नित नई शर्तें रखनी आरंभ की हैं। हालांकि लद्दाख में एलएसी पर तापमान दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है और दोनों ही मुल्कों की सेनाओं के लिए तैनाती का कार्य दुश्वारियों से भरता जा रहा है। पर चीनी सेना अपने अड़ियलपन से पीछे हटने को राजी नहीं है। न ही सेना पीछे हटाने के समझौतों का पलान कर रही है।
 
अधिकारियों के मुताबिक, चीनी सेना ने फिर से ‘पहले आप’ की शर्त रखते हुए समझौते के अंतिम में होने वाली वापसी को सबसे पहले लागू करने की बात करनी आरंभ की है, जिसके तहत भारतीय पक्ष को त्यो-चुशूल सेक्टर के उन पहाड़ों से सेनाओं को हटाना होगा जिस पर 29 और 30 अगस्त की रात को उसने बढ़त हासिल करते हुए कब्जा कर लिया था।
ALSO READ: तनाव और बढ़ा, फिंगर एरिया में 500 मीटर की दूरी पर आमने-सामने हैं भारत-चीन की सेनाएं
कई इलाकों में चीनी सेना के बढ़ते खतरे को ही देखते हुए अगस्त के अंतिम दिन भारतीय सेना ने एलएसी पर सपंगुर गैप, मगर हिल्स, मुखपरी, रेजांगला, रेकिन ला और रेचिन पहाड़ी श्रृंखला की कुछ उन महत्वपूर्ण चोटियों पर बढ़त हासिल करते हुए अपने जवान तैनात कर दिए थे, जहां से चीनी सेना के आगे बढ़ने का खतरा महसूस हुआ था और जहां से चीनी सेना का मुख्यालय भारतीय सेना की रेंज में आ गया था। भारतीय सेना की इस बढ़त के बाद चीनी सेना परेशान हो उठी थी क्योंकि वह ऐसी बढ़त की उम्मीद में नहीं थी।
 
अब जबकि उसने एलएसी से एक लाख के करीब जवानों व टैंकों व तोपखानों को हटाने का समझौता तो कर लिया पर 24 दिन बीत जाने के बाद भी चीनी सेना समझौते का पलान करने को राजी नहीं है। अब वह समझौते में बदलाव चाहती है और अंतिम चरण को पहले चरण के तौर पर लागू करवाने की खातिर वह भारतीय पक्ष पर दबाव डाल रही है कि पहले भारतीय पक्ष इन पहाड़ी श्रृंखलाओं से अपने जवानों को हटाए तो ही वह पैंगोंग झील के किनारे की फिंगर 4 से फिंगर 8 तक की 8 किमी लंबी पहाड़ी श्रृंखलाओं से अपने जवानों व सैनिक साजोसामान को हटाएगा। पर भारतीय पक्ष इसके लिए राजी नहीं है क्योंकि उसे लाल सेना की नियत पर शंका है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख