LAC पर तनाव के बीच दिल्‍ली में कल से आर्मी कमांडरों का 4 दिवसीय सम्‍मेलन, रक्षामंत्री करेंगे संबोधित

Webdunia
रविवार, 25 अक्टूबर 2020 (20:36 IST)
नई दिल्ली। भारतीय सेना के शीर्ष कमांडर सोमवार से शुरू हो रहे 4 दिवसीय सम्मेलन में पूर्वी लद्दाख के साथ ही चीन से लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के अन्य संवेदनशील इलाकों में भारत की युद्धक तैयारी का व्यापक आकलन करेंगे। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
 
उन्होंने कहा कि कमांडर संसाधनों के तर्कसंगत वितरण के लिए काफी समय से लंबित सुधारों पर चर्चा करेंगे जिनमें विभिन्न समारोह आयोजित करने की प्रथाओं और गैर सैन्य गतिविधियों में कटौती करने जैसे उपाय शामिल हैं।
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे सैन्य कमांडर सम्मेलन (एसीसी) की अध्यक्षता करेंगे, जो महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों के लिये हर 6 महीने पर होने वाला शीर्ष स्तरीय आयोजन है। इसमें सभी सैन्य कमांडर, सैन्य मुख्यालयों के प्रिंसिपल स्टाफ अफसर (पीएसओ) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेंगे।
ALSO READ: RBI गवर्नर शक्तिकांत दास कोरोनावायरस से संक्रमित, क्‍वारंटीन हुए, जारी रखेंगे कामकाज
सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथसिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया मंगलवार को कमांडरों को संबोधित करेंगे।
 
एक सूत्र ने कहा कि सैन्य कमांडर पूर्वी लद्दाख और जम्मू-कश्मीर समेत राष्ट्र के समक्ष सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा करेंगे। पूर्वी लद्दाख में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है क्योंकि मई की शुरुआत में गतिरोध बढ़ने के बाद से भारत और चीन की सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 50-50 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात कर रखे हैं।
 
सूत्रों ने कहा कि कमांडर सोमवार को सेना में मानव संसाधन प्रबंधन से जुड़े मुद्दों पर विशिष्ट रूप से चर्चा करेंगे जबकि बुधवार को शीर्ष सैन्य कमांडरों द्वारा उठाए गए विभिन्न एजेंडा बिंदुओं पर गहन चर्चा की जाएगी।
 
अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ द्वारा उठाए गए मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। यह भारत की तीनों सेनाओं वाली एकमात्र कमान है।
 
उन्होंने कहा कि राष्ट्र के सामने सुरक्षा चुनौतियों की समीक्षा के अलावा सैन्य कमांडर संसाधनों के उपयोग के लिए अलग-अलग आंतरिक समितियों द्वारा विभिन्न सुधारात्मक उपायों को लेकर की गई अनुशंसा पर चर्चा भी करेंगे। इसके साथ ही 13 लाख कर्मियों वाले बल की संचालन क्षमता और बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा।
 
कुछ प्रस्ताव जिन पर सम्मेलन में चर्चा होगी उनमें सेना दिवस और प्रादेशिक सेना दिवस परेड को बंद करना या कम करना, विभिन्न समारोह की प्रथाओं को कम करना और शांति वाले क्षेत्रों में व्यक्तिगत अधिकारी मेस की संख्या को कम करना शामिल हैं।
 
इसी तरह शीर्ष सैन्य अधिकारी उस प्रस्ताव पर भी चर्चा करेंगे, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के आधिकारिक आवास पर गार्ड्स की संख्या कम करने का जिक्र है। इसके अलावा अगर एक ही स्टेशन में कई कैंटीन चल रही हैं तो ऐसे सीएसडी की संख्या को कम करने के प्रस्ताव पर भी इस दौरान चर्चा होगी।
 
एक और प्रस्ताव जिस पर सैन्य कमांडरों की बैठक के दौरान चर्चा होनी है, वह विभिन्न इकाइयों से स्थापना दिवस और युद्ध सम्मान दिवस की लागत कम करने को कहना है।
 
सूत्रों ने कहा कि सम्मेलन के आखिरी दिन के एजेंडा में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और उसके सहयोगी संगठनों द्वारा विभिन्न आधारभूत परियोजनाओं के बारे में बॉर्डर रोड्स के महानिदेशक द्वारा संबोधन भी शामिल है।
ALSO READ: रैली में गरजे चिराग पासवान, LJP सत्ता में आई तो सलाखों के पीछे होंगे नीतीश कुमार
उन्होंने कहा कि सेना में विभिन्न स्तर पर मानवशक्ति के अनुकूलतम इस्तेमाल के लिये 'स्वचालन पहलों' पर भी चर्चा की जाएगी। एक सूत्र ने कहा कि सम्मेलन का समापन खेल ट्रॉफी और उड़ान सुरक्षा ट्रॉफी देने के बाद सेना प्रमुख के समापन भाषण से होगा। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Pakistan के लिए जासूसी कर रहे आरोपी को ATS ने पकड़ा, पाकिस्तानी सेना और ISIS को भेज रहा था जानकारी

बांग्लादेश को भारत की फटकार, हिन्दुओं की सुरक्षा की ले जिम्मेदारी

ताजमहल या तेजोमहालय, क्या कहते हैं दोनों पक्ष, क्या है इसके शिव मंदिर होने के सबूत?

EPFO 3.0 में होंगे बड़े बदलाव, ATM से निकाल सकेंगे PF का पैसा, क्या क्या बदलेगा?

नीबू हल्‍दी से कैंसर ठीक करने का नुस्‍खा बताकर फंसे नवजोत सिंह सिद्धू, ठोका 850 करोड़ का केस

सभी देखें

नवीनतम

ओडिशा में PM मोदी ने विपक्ष पर कसा तंज, बोले- सत्ता के भूखे लोग सिर्फ झूठ बोलते आए हैं...

महाराष्ट्र और हरियाणा में क्‍यों हारी कांग्रेस, CWC की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया

क्यों पैतृक गांव गए हैं एकनाथ शिंदे, शिवसेना नेता ने किया खुलासा, क्या महाराष्ट्र में बनने वाला है नया समीकरण

वक्फ बोर्ड को अब नहीं मिलेंगे 10 करोड़, भाजपा ने किया विरोध, महाराष्ट्र सरकार ने वापस लिया आदेश

Delhi : प्रशांत विहार में धमाके के 1 दिन बाद निजी स्कूल को मिली बम से उड़ाने की धमकी

अगला लेख