राज्यसभा में उठा मामला, विपक्ष ने रेलवे के निजीकरण को लेकर जताई आशंका

Webdunia
मंगलवार, 17 मार्च 2020 (15:49 IST)
नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के विभिन्न सदस्यों ने रेलवे के निजीकरण की आशंका जताते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार को नौकरियों में कटौती नहीं करनी चाहिए तथा यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा पर सर्वाधिक जोर दिया जाना चाहिए।
 
उच्च सदन में रेल मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा में भाग लेते हुए राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा ने रेलवे के निजीकरण की आशंका जताई और कटाक्ष करते हुए कहा कि पता नहीं क्यों लग रहा है कि हम रेलवे का विदाई समारोह मनाने वाले हैं। उन्होंने रेलवे में नौकरियां कम होने को लेकर भी आशंका जताई।
 
उन्होंने कहा कि रेलवे में धन का दुरुपयोग हो रहा है तथा रेलवे को आर्थिक रूप से सक्षम रखने के लिए करोड़ों रुपए के लीकेज को रोकने की आवश्यकता है। उन्होंने कुछ निजी फर्मों के बकाये को रेलवे द्वारा माफ किए जाने पर भी चिंता जताई। उन्होंने सवाल किया कि सरकार हर नई परियोजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर क्यों चला रही है?
 
बहुजन समाज पार्टी के वीरसिंह ने दावा किया कि रेलवे में कर्मचारियों और आरक्षित पदों की संख्या काफी कम होती जा रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि 2.8 लाख पद खाली पड़े हैं तथा निजीकरण के चलते ऐसा हो रहा है। रेलवे में 17 विभागों का विलय हो गया है, इसके चलते पदों में कमी आ रही है।
 
सिंह ने सुझाव दिया कि रेलवे को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए सरकार को देश के 75 हजार रेलवे स्टेशनों पर मॉल बनाने के बारे में विचार करना चाहिए ताकि हवाई अड्डों की तरह वहां से भी लोग सामान खरीद सकें। उन्होंने गजरौला से संभल तक रेलवे लाइन बनाने की मांग की ताकि इन दोनों क्षेत्रों को रेलमार्ग से जोड़ा जा सके।
 
असम गण परिषद के वीरेन्द्र प्रसाद वैश्य ने चर्चा में भाग लेते हुए सुझाव दिया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेलवे नेटवर्क में विस्तार किया जाना चाहिए, कयोंकि यह देश का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और यहां रेलवे नेटवर्क बढ़ने से इसके विकास में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने गुवाहाटी में एक अलग रेलवे जोन बनाए जाने की भी मांग की।
 
मार्क्सवादी पार्टी के केके रागेश ने दावा किया कि सरकार पूरे रेलवे नेटवर्क का निजीकरण करने का प्रयास कर रही है तथा यह कोई बड़ी बात नहीं है कि आने वाले समय में शताब्दी एवं राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनों का निजीकरण कर दिया जाए।
 
उन्होंने सरकार से सवाल किया कि ट्रेनों के निजीकरण की स्थिति में अभी जिन नागरिकों को रियायत की दी जा रही है, उनका क्या होगा? उन्होंने कहा कि ट्रेनों के निजीकरण होने की स्थिति में उनके किराए का निर्धारण कौन करेगा? रागेश ने केंद्र सरकार पर नई ट्रेन चलाने के मामले में केरल के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 6 साल में राज्य को कोई नई ट्रेन नहीं मिली है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Rajkot Gaming Zone Fire: HC की फटकार के बाद सरकार का एक्शन, राजकोट के कमिश्नर सहित 6 IPS अधिकारियों का ट्रांसफर

क्यों INDIA गठबंधन बैठक में शामिल नहीं होंगी ममता बनर्जी, बताया कारण

Maruti Alto EV सस्ता और धमाकेदार मॉडल होने जा रहा है लॉन्च, जानिए क्या हो सकती है कीमत

Prajwal Revanna : सेक्स स्कैंडल में फंसे प्रज्वल रेवन्ना का पहला बयान, 31 मई को SIT के सामने आऊंगा

चक्रवाती तूफान रेमल का कहर, बंगाल में 15000 घर तबाह, 2 लोगों की मौत

Rajkot Gaming Zone Fire : 3 आरोपियों को 14 दिन की हिरासत, जांच में नहीं कर रहे सहयोग

Weather Updates : देश में 17 स्थानों पर पारा 48 के पार, 3 दिन बाद इन इलाकों में मिल सकती है राहत

AAP सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के आरोपी विभव कुमार को कोर्ट से झटका, जमानत याचिका खारिज

अखिलेश यादव के करीबी मेरठ के एसपी MLA रफीक अंसारी गिरफ्तार

Rajkot Gaming Zone Fire: HC की फटकार के बाद सरकार का एक्शन, राजकोट के कमिश्नर सहित 6 IPS अधिकारियों का ट्रांसफर

अगला लेख