पति से तलाक के बाद महिला ने हर महीने मांगा 6 लाख मेंटेनेस, भयानक तरह से भड़क गई जज, देखें Video

एक अन्‍य मामले में पत्‍नी ने मांगे 4 लाख रुपए

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 22 अगस्त 2024 (12:29 IST)
क्‍या कहा जज ने : जज ने कहा, "क्या कोई इतना खर्च करता है? वो भी एक अकेली महिला जिस पर कोई जिम्मेदारी नहीं है। अगर वह खर्च करना चाहती है, तो उसे कमाने दो। आपके पास परिवार की कोई और जिम्मेदारी नहीं है। आपको बच्चों की देखभाल करने की ज़रूरत नहीं है। आप यह सब अपने लिए चाहती हैं। आपको समझदारी से काम लेना चाहिए"

न्यायाधीश ने वकील से भी कहा कि वह उचित राशि लेकर आएं अन्यथा उनकी याचिका खारिज कर दी जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि भरण-पोषण या स्थायी गुजारा भत्ता दंडात्मक नहीं होना चाहिए और यह पत्नी के लिए एक सभ्य जीवन स्तर सुनिश्चित करने के विचार पर आधारित होना चाहिए। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने पति के शुद्ध मासिक वेतन का 25% पत्नी को मासिक गुजारा भत्ता भुगतान के रूप में भुगतान की जाने वाली राशि के रूप में निर्धारित किया है। हालांकि, एकमुश्त निपटान (Lump-sum settlement) का कोई मानक नहीं है। हालांकि, यह राशि आमतौर पर पति की कुल संपत्ति के 1/5वें से 1/3वें हिस्से के बीच होती है।
Edited by Navin Rangiyal

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