नई दिल्ली। दिल्ली की केजरीवाल सरकार की मुश्किलें उस समय बढ़ गई जब उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने बस घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। 1000 बसों की खरीद में अनियमितता के आरोप हैं।
भाजपा नेता हरीश खुराना ने केजरीवाल सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पहले हवाला कांड, फिर शराब घोटाला, फिर स्कूल कमरों का घोटाला और अब बस घोटाला। ऐसा कोई विभाग नहीं जहां भ्रष्टाचार नहीं हुआ हों। थोड़ी सी शर्म है तो तुरंत इन मंत्रियों को बर्खास्त करो।
इस पर AAP सरकार ने कहा कि बस खरीदी ही नहीं गई तो घोटाला कैसे हुआ? बस खरीदी के टैंडर ही रद्द हो गए थे।
इससे पहले दिल्ली भाजपा ने ट्वीट कर कहा, '24 सरकारी डिपो प्राइवेट हाथों में दे दिए, नई बसें आई नही बीत गए 7 साल। कर्मचारी आज भी कर रहे हैं नौकरी पक्की होने का इंतजार, सालों पहले गारंटी देकर भूल चुके हैं केजरीवाल।'
क्या है DTC बस घोटाला : इस साल जून में सक्सेना को संबोधित एक शिकायत में दावा किया गया था कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने पूर्व नियोजित तरीके से परिवहन मंत्री को बसों की निविदा व खरीद के लिए गठित समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया।
शिकायत में यह आरोप भी लगाया गया था कि इस निविदा के लिए बोली प्रबंधन सलाहकार के रूप में डीआईएमटीएस की नियुक्ति गलत कामों को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
शिकायत में कहा गया कि 1,000 लो फ्लोर बीएस-4 और बीएस-6 बसों के लिए जुलाई 2019 की खरीद बोली और मार्च 2020 में लो फ्लोर बीएस-6 बसों की खरीद व वार्षिक रखरखाव के अनुबंध के लिए लगाई गई दूसरी बोली में अनियमितताएं हुईं।
गत 22 जुलाई को शिकायत पर दिल्ली सरकार के विभागों की प्रतिक्रिया लेने के लिए मुख्य सचिव के पास भेजा गया। मुख्य सचिव ने 19 अगस्त को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कुछ अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया था। इसके बाद सक्सेना ने शिकायत सीबीआई को भेज दी है।