किसान आंदोलन के दूसरे दिन भी पंजाब में दूध और सब्जी की बर्बादी, सात राज्यों में आंदोलन का असर

Webdunia
शनिवार, 2 जून 2018 (08:10 IST)
नई दिल्ली। ऋणमाफी और फसलों के उचित मूल्य की मांग को लेकर जारी 10 दिवसीय किसान आंदोलन का आज दूसरा दिन है। आंदोलन के पहले दिन पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और केरल में आंदोलन का असर देखा गया। प्रदर्शनकारियों ने सब्जियों, दूध और अन्य कृषि उत्पादों को सड़कों पर फेंक दिया और शहरों में इन पदार्थों की आपूर्ति रोक दी। मध्यप्रदेश में पुलिस प्रशासन की सख्ती से शांति बनी रही।

आंदोलन के दूसरे दिन भी पंजाब में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। उन्होंने लुधियाना में दूध और सब्जी ढोल दी। 
 
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने दावा किया कि पंजाब और अन्य राज्यों में किसानों की ओर से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने दावा किया कि पंजाब के अलावा हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में भी किसान अपने उत्पादों की बिक्री शहरों में नहीं कर रहे हैं। पंजाब में कुछ स्थानों पर किसानों ने विरोधस्वरूप सब्जियों और दूध को सड़कों पर फेंक दिया।
 
राजेवाल ने कहा कि 10 दिन के प्रदर्शन के दौरान किसान अपने गांवों में रहेंगे और अपने उत्पादों की बिक्री के लिए शहर नहीं जाएंगे, हालांकि वे गांवों में अपने उत्पाद बेच सकेंगे, साथ ही कहा कि प्रदर्शन अब तक शांतिपूर्ण रहे हैं।
 
इससे पहले राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ (आरकेएमएम) के संयोजक शिवकुमार शर्मा ने भोपाल में बताया कि 22 राज्यों में 'गांव बंद' आंदोलन का आयोजन किया जा रहा है। पुलिस मध्यप्रदेश के मंदसौर में कड़ी सतर्कता बरत रही है। पिछले साल 6 जून को किसानों के प्रदर्शन के दौरान यहां पुलिस गोलीबारी में 6 कृषकों की मौत हो गई थी।

मंदसौर एसपी ने कहा कि जिले में अब तक किसी भी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। मध्यप्रदेश पुलिस के विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) की 5 कंपनियां जिले में नजर रख रही हैं।
 
10 जून को भारत बंद : शिवकुमार ने कहा कि किसानों से दूध सहित उनके कृषि उत्पादों को बेचने के लिए शहर नहीं आने को कहा गया है तथा इस आंदोलन के आखिरी दिन यानी 10 जून को 'भारत बंद' का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंधोलन का असर धीरे धीरे देखने को मिलेगा। 
 
किसान संगठनों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार कम आय, किसानों की खुदकुशी और ऋण जैसे उनके मुद्दों के समाधान में नाकाम रही है। हम न्यूनतम आय गारंटी योजना, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने और किसानों के ऋण को माफ करने की भी मांग करते रहे हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन के लिए कौन है जिम्‍मेदार, जलवायु वैज्ञानिक ने दिया यह जवाब...

बिहार में वोटर लिस्ट विवाद के बीच चुनाव आयोग ने दी बड़ी राहत, बिना दस्तावेज के जमा करा सकेंगे गणना फॉर्म

चीन में बड़े बदलाव की आहट, क्या शी जिनपिंग 12 साल बाद छोड़ने जा रहे सत्ता? ताकत का बंटवारा क्यों कर रहा ड्रैगन का राजा

बिहार में वोटिंग लिस्ट पर बवाल, महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में दी EC के फैसले को चुनौती

ब्राजील पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, कांग्रेस को क्‍यों याद आया 2012 का शिखर सम्मेलन

सभी देखें

नवीनतम

Share bazaar: अमेरिका भारत व्यापार समझौते की चिंताओं के बीच बाजार में रहा उतार चढ़ाव का रुख, Sensex 171 और Nifty 54 अंक गिरा

कभी भी हो सकता है थर्ड वर्ल्ड वॉर, नितिन गडकरी के बयान के बाद हड़कंप

शाहजहां शेख ही निकला संदेशखाली हिंसा का मास्टरमाइंड, CBI ने दर्ज किया केस

Petrol Diesel Prices: सप्ताह के प्रथम दिन क्या हैं पेट्रोल डीजल के दाम? जानें ताजा कीमतें

ब्रिक्स देशों को डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों दे डाली धमकी, क्या है 10% टैरिफ कनेक्शन

अगला लेख