समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं देते कानून और समाज, केंद्र ने कोर्ट में दिया जवाब

Webdunia
सोमवार, 14 सितम्बर 2020 (20:07 IST)
नई दिल्ली। केन्द्र ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि समलैंगिक विवाह की अनुमति नहीं है, क्योंकि हमारा कानून, हमारी न्याय प्रक्रिया, समाज और हमारे नैतिक मूल्य इसे मान्यता नहीं देते हैं।

समलैंगिक विवाह को हिन्दू विवाह अधिनियम और विशेष विवाह अधिनियम के तहत मान्यता देने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ के समक्ष ये बातें कहीं।

याचिका में किए गए अनुरोध का विरोध करते हुए मेहता ने कहा, हमारे कानून, हमारी न्याय प्रणाली, हमारा समाज और हमारे मूल्य समलैंगिक जोड़े के बीच विवाह को मान्यता नहीं देते हैं। हमारे यहां विवाह को पवित्र बंधन माना जाता है।

उन्होंने कहा कि ऐसे विवाहों को मान्यता देने और उनका पंजीकरण कराने की अनुमति दो अन्य कारणों से भी नहीं दी जा सकती है। पहला- याचिका अदालत से इस संबंध में कानून बनाने का अनुरोध कर रही है। दूसरा इन्हें दी गई कोई भी छूट विभिन्न वैधानिक प्रावधानों के विरुद्ध होगी।

उन्होंने कहा, जब तक कि अदालत विभिन्न कानूनों का उल्लंघन ना करे, ऐसा करना संभव नहीं होगा। मेहता ने यह भी कहा कि हिन्दू विवाह अधिनियम में भी विवाह से जुड़े विभिन्न प्रावधान संबंधों के बारे में पति और पत्नी की बात करते हैं, समलैंगिक विवाह में यह कैसे निर्धारित होगा कि पति कौन है और पत्नी कौन।

पीठ ने यह माना कि दुनियाभर में चीजें बदल रही हैं, लेकिन यह भारत के परिदृश्य में लागू हो भी सकता है और नहीं भी। अदालत ने इस संबंध में जनहित याचिका की जरुरत पर भी सवाल उठाया। उसका कहना है कि जो लोग इससे प्रभावित होने का दावा करते हैं, वे शिक्षित हैं और खुद अदालत तक आ सकते हैं।

पीठ ने कहा, हम जनहित याचिका पर सुनवाई क्यों करें। याचिका दायर करने वालों के वकील ने कहा कि प्रभावित लोग समाज में बहिष्कार के डर से सामने नहीं आ रहे हैं, इसलिए जनहित याचिका दायर की गई है।
अदालत ने वकील से कहा कि वह उन समलैंगिक जोड़ों की सूचना उन्हें दे जो अपने विवाह का पंजीकरण नहीं करा पा रहे हैं।अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख तय की है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख