चाइल्ड पोर्नोग्राफी में भी एमपी गजब है, इस मामले में भी दूसरे नंबर पर प्रदेश

Webdunia
मंगलवार, 2 जनवरी 2024 (17:27 IST)
Child pornography: एमपी यूं तो कई मामलों में अजब-गजब है। लेकिन अब तो क्राइम और वो भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में भी ये प्रदेश रिकॉर्ड कायम कर रहा है।

दरअसल, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में मध्यप्रदेश में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के 147 मामले दर्ज किए गए। मतलब मप्र चाइल्‍ड पोर्नोग्राफी में दूसरे स्थान पर आ गया है, जबकि कर्नाटक 235 मामलों के साथ पहले स्थान पर है। बता दें कि मप्र में साल 2023 में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के 160 मामले दर्ज किए गए, जो 2022 में सिर्फ 147 ही थे।

क्‍यों रैकेट के निशाने पर बच्‍चे : दरअसल, बच्‍चे ऐसे रैकेट का आसान शिकार होते हैं, ऐसे में चाइल्‍ड पार्नोग्राफी के मामलों में इजाफा आया है। ऐसे रैकेट बच्‍चों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हें मॉर्फ करके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड कर देते हैं।

छोटे शहरों तक पहुंचे रैकेट : खास बात यह है कि राज्य की साइबर पुलिस के मुताबिक रैकेट चलाने वाले सिर्फ बड़े या मेट्रो शहरों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वे छोटे शहर और टाउन आदि शहरों तक भी पहुंचकर बच्‍चों को अपना शिकार बना रहे हैं।

कैसे करते हैं स्‍कैम : साइबर पुलिस की माने तो युवा और बच्चे सोशल मीडिया में जो तस्‍वीरे अपलोड करते हैं, उन पर इन रैकेट की नजर होती है। रैकेट के सदस्‍य ऐसे सुंदर बच्‍चों की तस्‍वीरें चुन लेते हैं। इसके बाद उन तस्वीरों में बदलाव करते हैं और उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करते हैं।

ऐसा भी होता है : चिंता वाली बात यह है कि अब तो सामान्‍य तरीके से पोस्‍ट की गई तस्‍वीरें भी सुरक्षित नहीं रही हैं। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया था जिसमें एक लड़की ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर रक्षा बंधन की तस्वीर अपलोड की थी, लेकिन रैकेटर्स ने उसका भी फोटो उठाकर उसे मार्फ्ड कर दिया। इसके बाद उसे अश्‍लील बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। जब परिवार के सदस्यों को तस्वीर के बारे में पता चला तो वे पुलिस के पास पहुंचे।

कितने मामले आए MP में : नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में राज्य में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के 147 मामले सामने आए। इस मामले में राज्य दूसरे स्थान पर है, जबकि कर्नाटक 235 मामलों के साथ पहले स्थान पर है। 112 मामलों के साथ छत्तीसगढ़ तीसरे स्थान पर था। साल 2023 में दिसंबर के मध्य तक राज्य भर में 160 मामले सामने आए। बता दें कि इस पर कंट्रोल करने के लिए पुलिस जागरूकता कार्यशालाएं, सेमिनार आयोजित कर रही है,लेकिन इसका कोई खास फायदा नहीं हुआ है।
Edited by navin rangiyal

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Israel-Iran Conflict : इजराइल-ईरान में क्यों है तनाव, भयंकर युद्ध हुआ तो भारत पर क्या होगा असर

एयर इंडिया विमान हादसे का क्या कनेक्शन है जगन्नाथ मंदिर और अच्युतानंद महाराज की गादी से

विमान हादसे में तुर्की का तो हाथ नहीं? बाबा रामदेव के बयान से सनसनी

इंसानी गलती या टेक्नीकल फॉल्ट, AI-171 के ब्लैक बॉक्स से सामने आएगा सच, जानिए कैसे खोलते हैं हादसे का राज

डोनाल्ड ट्रंप बोले- ईरान के पास बातचीत का दूसरा मौका, परमाणु समझौता कर तबाही को बचा लो

सभी देखें

नवीनतम

MP : बालाघाट में पुलिस और नक्‍सलियों के बीच मुठभेड़, 3 महिलाओं समेत 4 नक्सली ढेर

iran israel conflict : इजराइल ने ईरान की गैस रिफाइनरी पर किया हमला, बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा- हर ठिकाने को बनाएंगे निशाना

डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन के बीच फोन पर बात, ईरान-इजराइल विवाद सहित इन मुद्दों पर हुई चर्चा

बिहार में 18 IPS अधिकारियों का हुआ तबादला, जानिए किसे मिली कौनसी जिम्मेदारी?

Weather Update : केरल के 5 जिलों में रेड अलर्ट, मंगलुरु में भारी बारिश का कहर

अगला लेख