महबूबा मुफ्ती की धमकी, पीडीपी में तोड़फोड़ की तो पैदा होंगे कई सलाउद्दीन

सुरेश एस डुग्गर
जम्मू। पीडीपी पार्टी के टूटने के डर से बौखलाई महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर में और सलाउद्दीन पैदा होने की धमकी देते हुए कहा है कि हालात 1990 जैसे हो जाएंगे। हालांकि भाजपा ने एक बार फिर दोहराया है कि वह सरकार नहीं बनाने जा रही है तो कांग्रेस ने महबूबा के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वर्ष 2014 से पहले महबूबा को सोच लेना चाहिए था। पूर्व मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार को धमकी दी कि अगर मोदी सरकार जोड़तोड़ की राजनीति करेगी तो 1990 के जैसे हालात हो जाएंगे। महबूबा मुफ्ती ने कहा, पीडीपी को तोड़ने की कोशिश न करे सरकार, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। महबूबा ने धमकी दी कि अगर ऐसा हुआ तो कई और सलाउद्दीन पैदा होंगे।


भाजपा ने पीडीपी के साथ मिलकर तीन साल तक जम्मू और कश्मीर में गठबंधन सरकार चलाई थी। इस दौरान महबूबा मुफ्ती को मुख्यमंत्री बनाया गया था। 19 जून को भाजपा ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया था। तब से राज्य में राज्यपाल शासन लागू है। ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, वहीं भाजपा पर पीडीपी के विधायकों को तोड़ने के भी आरोप लग रहे हैं। पार्टी में पड़ रही फूट के बीच मुफ्ती ने इशारों-इशारों में भाजपा को कड़ी चेतावनी दे दी है। उनका कहना है कि अगर दिल्ली ने पीडीपी को तोड़ने की कोशिश की तो और सलाउद्दीन पैदा होंगे।

उन्होंने कहा, यदि दिल्ली ने साल 1987 की तरह लोगों से उनके मतदान का अधिकार छीना, यदि उसने बंटवारे की कोशिश की और उस समय की तरह हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो मुझे लगता है कि 1987 की तरह ही हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख सईद सलाउद्दीन और यासिन मलिक पैदा होंगे। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने चेतावनी देते हुए कहा है कि राज्य में भाजपा द्वारा पीडीपी को तोड़ने का प्रयास भारतीय लोकतंत्र में कश्मीरियों के विश्वास को समाप्त कर देगा।

पीडीपी प्रमुख ने कहा, अगर दिल्ली हस्तक्षेप करती है, हमारी पार्टी को तोड़ती है और सज्जाद लोन या किसी को भी मुख्यमंत्री बनाती है तो इससे कश्मीरियों का भारतीय लोकतंत्र में विश्वास समाप्त हो जाएगा। दिल्ली द्वारा किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप को गंभीरता से लिया जाएगा। हालांकि भाजपा महासचिव राम माधव ने राज्य में पीडीपी के असंतुष्ट विधायकों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की किसी भी संभावना से इंकार कर दिया। यहां 19 जून से राज्यपाल शासन लागू है।

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#WATCH: Former J&K CM M Mufti says'Agar Dilli ne 1987 ki tarah yahan ki awam ke vote pe daaka dala, agar iss kism ki tod fod ki koshish ki,jis tarah ek Salahuddin ek Yasin Malik ne janm liya...agar Dilliwalon ne PDP ko todne ki koshish ki uski nataish bahut zyada khatarnaak hogi' pic.twitter.com/LmC7V4OwN2

— ANI (@ANI) July 13, 2018 >माधव ने ट्वीट किया था, हम राज्य में शांति, सुशासन और विकास के हित में राज्यपाल शासन लागू रहने देने के पक्ष में हैं। पीडीपी के कम से कम पांच विधायकों ने सार्वजनिक तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के खिलाफ बयान दिया था। 87 सदस्यीय जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में सत्ता हासिल करने के लिए जरूरी सदस्यों के जादुई आंकड़े किसी भी पार्टी के पास नहीं हैं।

इस बीच, जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना ने महबूबा मुफ्ती के बयान को घोर आपत्तिजनक बताया है और कहा है कि जब महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री थीं तब हालात को ठीक नहीं कर पाईं और जब सरकार चली गई तो उन्हें सलाउद्दीन और यासीन मलिक याद आ गए। उन्होंने कहा कि यह दुखदाई है कि आज महबूबा ऐसे आतंकवादियों को याद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी भी पार्टी में तोड़फोड़ नहीं कर रहे हैं और हमारे संपर्क में किसी पार्टी का कोई विधायक नहीं है, बल्कि जम्मू, श्रीनगर और लद्दाख की जनता है।
 
रैना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में वर्षों से जो जानें जा रही हैं, उनके लिए कौन जिम्मेदार है। उनके लिए यासीन मलिक और सलाउद्दीन जैसे लोग जिम्मेदार हैं, जो पाकिस्तान की मदद से जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रहे हैं, जो बच्चों को स्कूल और कॉलेज नहीं जाने देते, जो लोगों की हत्याएं कर रहे हैं। रैना ने कहा कि महबूबा सरकार में रहते हुए कुछ और कहती थीं लेकिन अब सरकार से बाहर होते ही बौखला गई हैं लेकिन ये जो पब्लिक है, ये सब जानती है। रैना ने हालांकि इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया कि उनकी पार्टी राज्य में सरकार बनाने के लिए कोई प्रयास कर रही है या नहीं। 

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