हाथरस के सत्संग में जैसा हादसा हुआ, ऐसे कार्यक्रमों में लोगों की सुरक्षा के लिए कोई कानून नहीं है।
इसलिए इस तरह के कार्यक्रमों में लोगों की सुरक्षा के लिए कानून बनने चाहिए।
जैसे- सत्संग कितनी बड़ी जगह में हो रहा है, वहां से अस्पताल कितनी दूर है।
ये जरूरी है कि कर्नाटक और… pic.twitter.com/5J88KL2Iip