हाथरस मामले में राज्यसभा में क्या बोले खरगे?

संसद में की लोगों की सुरक्षा के लिए कानून की मांग

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 3 जुलाई 2024 (12:38 IST)
Kharge on hathras stampede : कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उच्च सदन में हाथरस हादसे का मामला उठाया। उन्होंने हाथरस जैसे कार्यक्रमों में लोगों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की भी मांग की। ALSO READ: हाथरस हादसे में 121 की मौत, क्या कहती है पोस्टमार्टम रिपोर्ट?
 
खरगे ने कहा कि उन्होंने संसद कहा कि हाथरस के सत्संग में जैसा हादसा हुआ, ऐसे कार्यक्रमों में लोगों की सुरक्षा के लिए कोई कानून नहीं है। इसलिए इस तरह के कार्यक्रमों में लोगों की सुरक्षा के लिए कानून बनने चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि जैसे- सत्संग कितनी बड़ी जगह में हो रहा है, वहां से अस्पताल कितनी दूर है। ये जरूरी है कि कर्नाटक और महाराष्ट्र की तरह ही अंध श्रद्धा के खिलाफ कानून बनाए जाएं, ताकि पैसों के लिए लोगों को लूटने वाले नकली लोगों पर पाबंदी लगाई जा सके।
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हाथरस के सत्संग में जैसा हादसा हुआ, ऐसे कार्यक्रमों में लोगों की सुरक्षा के लिए कोई कानून नहीं है।

इसलिए इस तरह के कार्यक्रमों में लोगों की सुरक्षा के लिए कानून बनने चाहिए।

जैसे- सत्संग कितनी बड़ी जगह में हो रहा है, वहां से अस्पताल कितनी दूर है।

ये जरूरी है कि कर्नाटक और… pic.twitter.com/5J88KL2Iip

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अखिलेश ने भी उठाए सवाल : समाजवादी पार्टी सांसद अखिलेश यादव ने हाथरस हादसे पर कहा कि यह बहुत दर्दनाक है। जिन परिवारों के सदस्यों की जान गई है उन्हें दुख सहने की शक्ति मिले। जो हादसा हुआ है यह सरकार की लापरवाही है। ऐसा नहीं है कि सरकार को इस कार्यक्रम की जानकारी न हो। जब कभी भी इस प्रकार के कार्यक्रम होते हैं तो बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल होते हैं। इस लापरवाही से जो जानें गईं है उसकी ज़िम्मेदार सरकार है।
 
उन्होंने कहा कि कोई अगर अस्पताल पहुंच भी गया तो उन्हें पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाया। ना ऑक्सीजन, ना दवाई, ना इलाज मिल पाया। इसकी ज़िम्मेदार भाजपा है जो बड़े-बड़े दावे करती है कि हम विश्वगुरु बन गए हैं। क्या अर्थव्यवस्था का मतलब यह है कि किसी आपातकाल स्थिति में आप लोगों का इलाज न कर पाएं? ALSO READ: आधुनिक भोले बाबा के दानदाता कौन हैं? हादसे के बाद उभरते कुछ सवाल!
 
उल्लेखनीय है कि राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार हाथरस के हादसे में 121 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। भगदड़ के बाद एटा के जिला अस्पताल के शवगृह में 27 शव लाए गए थे जबकि कुछ शवों को अलीगढ़ सहित आसपास के इलाकों के विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया था। 
 
पोस्टमार्टम के लिए पड़ोसी जिले एटा में भेजे गए शवों की रिपोर्ट में पता चला है कि भगदड़ के दौरान अधिकांश लोगों की मौत दम घुटने के कारण हुई।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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