खड़गे ने मोदी को लिखा पत्र, बोले...

Webdunia
गुरुवार, 1 मार्च 2018 (17:00 IST)
नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकपाल चयन समिति की बैठक में उन्हें 'विशेष आमंत्रित' के रूप में बुलाए जाने पर कड़ी आपत्ति करते हुए इसमें यह कहते हुए हिस्सा लेने से इंकार कर दिया कि उन्हें इसमें अपनी राय दर्ज कराने तथा मतदान में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं होगा।


खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुधवार को लिखे पत्र में कहा कि उन्हें बैठक में 'विशेष आमंत्रित' के रूप में बुलाया जाना भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने के लिए देश के सबसे अहम पद की चयन प्रक्रिया में विपक्ष की स्वतंत्र आवाज को दबाने की कोशिश है।

उन्होंने कहा कि लोकपाल और लोकायुक्त कानून 2013 के अनुसार चयन समिति में विपक्ष के नेता को रखने को प्रावधान है। इसे देखते हुए 'विशेष आमंत्रित' विपक्ष के नेता का विकल्प नहीं हो सकता है। उन्होंने सरकार द्वारा उन्हें 'विशेष आमंत्रित' के तौर पर बुलाए जाने पर हैरानी जताते हुए कहा कि वह सार्थक और ठोस भागीदारी की बजाय सिर्फ कागजी खानापूरी करना चाहती है।

खड़गे ने कहा कि बैठक में 'विशेष आमंत्रित' के तौर पर भाग लेने का अर्थ है कि उन्हें इसमें अपनी राय दर्ज कराने और वोट का अधिकार नहीं होगा। ऐसे में बैठक में उनकी मौजूदगी सिर्फ दिखावा मात्र होगी और इसमें सही मायने में विपक्ष की भागीदारी नहीं होगी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने कई विधेयकों में संशोधन के लिए विपक्ष के नेता के स्थान पर सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता का प्रावधान करने के लिए नियमों में संशोधन किए हैं। इस सिलसिले में उन्होंने दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) कानून 2014 का उदाहरण दिया।

उन्होंने याद दिलाया कि लोकपाल चयन समिति के लिए भी विपक्ष के नेता के स्थान पर सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता का प्रावधान करने के वास्ते 18 दिसंबर 2014 को लोकपाल कानून 2013 में संशोधन के मकसद से एक विधेयक लाया गया था। संसद की प्रवर समिति ने इस विधेयक पर अपनी मुहर लगाई है लेकिन सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और सदिच्छा के अभाव में यह विधेयक ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।

उन्होंने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया कि यदि उनकी सरकार यह चाहती है कि लोकपाल की सही रूप से नियुक्ति हो तो उन्हें इसके लिए एक अध्यादेश लाना चाहिए और संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में इससे जुड़ा विधेयक पारित कराना चाहिए। इन परिस्थितियों में वे 'विशेष आमंत्रित' के रूप में बैठक में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि मौजूदा तौर-तरीकों से एक अहम प्रकिया मात्र राजनीतिक बहानेबाजी बनकर रह गई है।

लोकपाल कानून के अनुसार लोकपाल की चयन समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा में विपक्ष के नेता तथा एक कानूनविद को रखने का प्रावधान है। लोकसभा में इस समय किसी को भी विपक्ष के नेता का दर्जा प्राप्त नहीं है। कांग्रेस लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी है और खड़गे सदन में उसके नेता हैं। (वार्ता)
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Rahul Gandhi : लोकसभा में राहुल गांधी होंगे विपक्ष के नेता, विपक्षी नेताओं की बैठक में फैसला

MP: मोहन सरकार का अहम फैसला, अब मंत्री स्वयं अदा करेंगे अपना आयकर सरकार नहीं

इंदौर-भोपाल, नागपुर, जयपुर से लेकर देशभर के शहरों में क्‍यों शटडाउन हो रहे FIIT JEE सेंटर्स, क्‍या है स्‍कैम?

काम आया पाई-पाई बचाया पैसा, 46 साल के भारतीय इलेक्ट्रिशियन ने निवेश में जीते 2 करोड़ रुपए, जानिए कैसे

राहुल ने संविधान हाथ में लेकर शपथ ली, ओवैसी बोले जय फिलीस्तीन

सभी देखें

नवीनतम

लैपटॉप पर काम करते-करते बैंक कर्मचारी को आया हार्टअटैक, मौत

नगालैंड में 20 साल बाद हुआ नगर निकाय चुनाव, मतदान संपन्न

Video : नेता विपक्ष बनने पर बोले Rahul Gandhi का वीडियो, नई जिम्मेदारी पर क्या बोले

क्या जय फिलिस्तीन कहने पर जा सकती है ओवैसी की लोकसभा सदस्यता?

J&K : Doda में सुरक्षाबलों ने ढेर किए 2 आतंकी, 1 दिन में 3 का खात्मा, चौथे की तलाश जारी, हथियार और गोला-बारूद बरामद

अगला लेख
More