मोदी ने कहा- किसानों को हम अन्नदाता कहते हैं, हमारा लक्ष्य आय बढ़ाना

Webdunia
शुक्रवार, 3 नवंबर 2017 (11:33 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कारोबार करना अब पहले से कहीं अधिक आसान है, ऐसे में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश की व्यापक संभावना दुनिया के लिए बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा कि किसानों को हम अन्नदाता कहते हैं, हमारा लक्ष्य उनकी आय बढ़ाना है। 
 
‘विश्व खाद्य भारत’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'इस वर्ष कारोबार सुगमता की रैंकिंग में भारत ने 30 स्थान का सुधार दर्ज किया है जो किसी देश के लिए सबसे अधिक सुधार है। नए क्षेत्रों में निवेश के संबंध में 2016 की वैश्विक रैंकिंग में भारत पहले स्थान पर आ गया है। भारत तेजी के साथ वैश्विक नवोन्मेष रैंकिंग, वैश्विक लाजिस्टिक रैंकिंग और वैश्विक प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में प्रगति दर्ज कर रहा है।'
 
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और एक जुलाई से लागू जीएसटी से अनेक कर जटिलताएं समाप्त हुई हैं।
 
प्रधानमंत्री ने वैश्विक कंपनियों से भारत में आने और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश करने को आंमत्रित किया। उन्होंने कहा कि कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भारत में निवेश की व्यापक संभावना दुनिया के लिए बड़ा अवसर है।
 
मोदी ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण भारत में जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है। यह लंबे समय से उपयोग में लाया जा रहा है। सामान्य से घर की तकनीक के आधार पर इसे पूरा किया जाता है जैसे कि किन्वन की विधि के परिणामस्वरूप अचार, पापड़, चटनी, मुरब्बा बनाया जाता है और यह दुनियाभर में संभ्रांत वर्ग के साथ सामान्य लोगों को काफी पसंद आता है।
 
उन्होंने कहा, 'मूल्यवर्द्धित श्रृंखला (वैल्यू चेन) के कई क्षेत्र में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ रही है। हालांकि ठेका कृषि, कच्चे माल की प्राप्ति और कृषि से जुड़े क्षेत्रों में अधिक निवेश की जरूरत है। यह वैश्विक स्तर पर स्पष्ट रूप से अवसर प्रदान करता है।'
 
मोदी ने कहा कि फसल कटाई के बाद प्रबंधन के संबंध में भी काफी अवसर हैं, ये क्षेत्र प्रसंस्करण और भंडारण से लेकर इन्हें संरक्षित करने के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करने तथा शीत श्रृंखला एवं शीतलन के तहत परिवहन व्यवस्था तैयार करने से संबंधित हैं। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी काफी संभावनाएं हैं। इसके साथ ही जैविक खेती और खाद्य उत्पादों के क्षेत्र में भी मूल्यवर्द्धन की संभावनाएं हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत दुनिया में तीव्र वृद्धि वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। हमने जीएसटी लागू करके विभिन्न प्रकार की करों को समाप्त किया। ऐसे में देश में अब कारोबार करना पहले से कहीं आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि ठेका खेती, कच्चे माल और कृषि श्रृंखला में और निवेश की जरूरत है। ऐसे में दुनिया की कंपनियां यहां आएं और निवेश करें।
 
मोदी ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में हमारे प्रयासों के केंद्र में हमारे किसान हैं। हमने पांच साल में किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। हमने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना पेश की है ताकि विश्व स्तर का खाद्य प्रसंस्करण आधारभूत ढांचा सृजित कर सकें। इसके लिए 5 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत होगी और इससे 20 लाख किसानों को लाभ होगा, साथ ही 5 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
 
उन्होंने कहा कि पोषण सुरक्षा का समाधान का रास्ता खाद्य प्रसंस्करण में निहित है। हमारे मोटे अनाज और बाजरा में उच्च पोषक तत्व हैं। ये प्रतिकूल कृषि..जलवायु परिस्थितयों का सामना करने में समर्थ्य है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या हम इन क्षेत्रों में उद्यम स्थापित कर सकते हैं । इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी, साथ ही साथ पोषण का स्तर भी बेहतर होगा? उन्होंने कहा कि किसान को हम अन्नदाता कहते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हम उनकी आय को आने वाले पांच साल में दोगुना करें। हमारा लक्ष्य समय सीमा के तहत खाद्य क्षेत्र को विश्व स्तर का बनाने का है। मेगा फूड पार्क की भी हमारी योजना है। इसके जरिए कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र को जोड़ने की है।
 
मोदी ने कहा कि ट्रेन में रोजाना लाखों यात्री भोजन प्राप्त करते हैं। ऐसे में ये भी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के संभावित ग्राहक है। भारत खाद्य क्षेत्र में निवेश करने पर सभी के लिये समान अवसर पर आधारित गठजोड़ की पेशकश कर रहा है। निवेश बंधु पोर्टल से कारोबार करने में और जानकारी में मदद मिल रही है। यही वजह है कि निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ा है। हालांकि और निवेश की और जरूरत है। ग्लोबल सुपर मार्केट के पास इस समय भारत में निवेश करने का सबसे सही अवसर है।
 
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि सदियों से भारत ने व्यापारियों का दिल खोलकर स्वागत किया है। स्पाइस (मसाला) रूट के बारे मे सब जानते हैं। भारतीय मसालों से प्रभावित होकर कोलोम्बस ने भी भारत के लिए वैकल्प‍िक रास्ते को खोजते हुए अमेरिका की खोज कर दी थी।
 
मोदी ने कहा कि यह महोत्सव खाद्य क्षेत्र के विभि‍न्न पक्षकारों को साथ आने में मदद करेगा, साथ ही आप कई बेहतरीन भारतीय व्यंजन का स्वाद ले सकेंगे। उन्होंने भारत के खाद्य सेक्टर के सफर पर ‘कॉफी टेबल बुक’ पेश किया।

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