लोकसभा सत्र का पहला दिन : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, विपक्ष का हर शब्द सरकार के लिए मूल्यवान

Webdunia
सोमवार, 17 जून 2019 (22:25 IST)
नई दिल्ली। 17वीं लोकसभा के पहले सत्र के प्रथम दिन विपक्ष को साधने का प्रयास करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि उन्हें अपनी संख्या को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है और उनका हर शब्द सरकार के लिए मूल्यवान है।
 
मोदी ने सभी सांसदों से आग्रह किया कि वे जब सदन में हों तो निष्पक्ष रहें और राष्ट्र के व्यापक हित से जुड़े मुद्दों का समाधान करें। संसदीय लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। विपक्ष को अपनी संख्या को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। मुझे उम्मीद है कि वे (विपक्ष) सक्रियता से बोलेंगे और सदन की कार्यवाही में भागीदारी करेंगे।
 
प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा के पहले सत्र के शुरू होने से पहले संसद के बाहर मीडिया से कहा कि जब हम संसद आते हैं तो हमें पक्ष और विपक्ष को भूल जाना चाहिए। हमें निष्पक्ष भावना के साथ मुद्दों के बारे में सोचना चाहिए और राष्ट्र के व्यापक हित में काम करना चाहिए।
 
मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस ने भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार पर पिछले कार्यकाल में संसद को 'रबर की मोहर' की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को उम्मीद जताई कि इस बार यह चलन बदलेगा तथा प्रमुख विधेयकों को बहुमत के दबाव में विधायी समीक्षा के बिना पारित नहीं किया जाएगा।
 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र में अध्यादेश के जरिए कानून बनाना बहुत अस्वस्थ परंपरा है। इसे केवल उन विरले मामलों में उपयोग करना चाहिए, जहां आपात स्थिति हो। वरना सरकार को कानून बनाने की निर्धारित प्रक्रिया का इस्तेमाल करना चाहिए।
 
शर्मा ने कहा कि हम इस बारे में प्रधानमंत्री के आश्वासन की प्रतीक्षा नहीं करेंगे। क्या पिछले 5 साल में जो चलन अपनाया गया उसे बदला जाएगा, क्योंकि पिछले 5 साल में हमने जो देखा था वह संसद का असम्मान, जहां सरकार विधेयक लाती थी और लोकसभा में उसके भारी बहुमत के कारण, संसद के साथ एक रबर की मोहर की तरह व्यवहार किया जाता है।
 
उन्होंने कहा कि अधिकतर विधेयकों को विधायी समीक्षा के लिए स्थायी समिति के पास नहीं भेजा जाता था, जो किसी भी कानून को बनाने के लिए महत्वपूर्ण है तथा उन्हें उम्मीद है कि अब इस परंपरा का सम्मान किया जाएगा तथा इस सरकार द्वारा अध्यादेश पर निर्भरता और समीक्षा के बिना विधेयक को पारित करने के चलन को नहीं दोहराया जाएगा।
 
इससे पहले नवगठित 17वीं लोकसभा के संबंध में मोदी ने कहा कि यह सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक है। स्वतंत्रता के बाद से निचले सदन में सर्वाधिक महिला सांसद निर्वाचित हुई हैं। नए सदस्यों के लिए यह पहला सत्र है, जो नई ऊर्जा का संचार करेगा और जन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए सदन में नया उत्साह दिखाई देगा।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पहले कार्यकाल में 'सबका साथ, सबका विकास' के सिद्धांत पर काम किया और जनता ने दूसरे कार्यकाल के लिए विश्वास जताया। इसके परिणामस्वरूप कई दशक बाद स्पष्ट बहुमत के साथ कोई सरकार दोबारा चुनी गई है।

545 सदस्यों वाली लोकसभा में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के 353 सदस्य हैं जबकि भगवा पार्टी के सदस्यों की संख्या 303 है। कांग्रेस के पास 52 सीटें हैं, जो सदन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। 

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