क्‍या बिहार, झारखंड, यूपी, गुजरात और महाराष्ट्र तक फैला है NEET Paper Leak का जाल, चौंका रहे हैं खुलासे

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 24 जून 2024 (14:10 IST)
NEET Exam Paper Leak Case: नीट पेपर लीक के बारे में लगातार खुलासे होते जा रहे हैं। अब जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं, उससे यह साफ होता जा रहा है नीट पेपर लीक का ये जाल देश के कई राज्‍यों में फैला हुआ है।

बता दें कि नीट यूजी पेपरलीक की जांच में अब तक बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड, उत्तर प्रदेश जैसे पांच राज्यों का कनेक्शन सामने आया है। इससे लगता है कि देशभर में पेपर लीक का नेटवर्क पसरा हुआ है। इसे लेकर विपक्ष अब सरकार पर हमलावर है। सरकार ने एक हाई लेवल की कमेटी बनाई है, जो परीक्षा में सुधार के तरीकों पर विचार और काम करेगी।

बता दें कि पुलिस की जांच में कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। कैसे पेपर भिजवाए गए, किस रास्‍ते से किसे हैंडओवर किए गए और किस किस गैंग के लोग इसमें शामिल थे। इन सब बातों के आधार पर जांच एजेंसियां काम कर रही है।

सीबीआई को सौंपी जांच : बिहार की आर्थिक अपराध शाखा फिलहाल ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है और जांच को एक दिशा देने का काम कर रही है। इसी बीच शिक्षा मंत्रालय ने जांच सीबीआई को सौंप दी है। सीसीबीआई इस मामले में गहरी साजिश की जांच करेगी। सीबीआई ने फिलहाल अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत और आपराधिक साजिश की धाराओं में केस दर्ज किया है। राज्यों की पुलिस ने जो आरोपी पकड़े हैं, उन्हें सीबीआई अपनी कस्टडी में लेगी और राज्यों की एफआईआर को भी टेकओवर करेगी।

जांच में क्‍या मिला पुलिस को : पटना पुलिस को 5 मई को नीट परीक्षा में गड़बड़ी की जानकारी मिली थी। पुलिस को झारखंड नंबर की डस्टर कार में सवार लोगों की जानकारी मिली थी, ये लोग परीक्षा केंद्र के आसपास मंडरा रहे थे। पुलिस ने डस्टर कार को बेली रोड पर पकड़ा और कार से तीन लोग सिकंदर यादवेंदु, अखिलेश कुमार और बिट्टू कुमार पकड़े गए। कार से चार नीट उम्मीदवारों के एडमिट कार्ड भी मिले। इन चारों से सिकंदर ने सेटिंग की थी। सिकंदर ने संजीव सिंह रॉकी, नीतीश और अमित आनंद का नाम लिया था। ये लोग इसी गैंग के सदस्य थे। नीतीश पहले भी पेपर लीक में गिरफ्तार हुआ था। हालांकि नीतीश को मार्च में 4 दिन में जमानत मिल गई थी। सिकंदर ने अमित को उम्मीदवार दिए थे, वहीं अमित ने नीतीश को उम्मीदवार दिए थे। इस मामले में नीतीश ने चारों नीट अभ्यर्थियों को नीट के पेपर उपलब्‍ध कराए थे।

कहा जा रहा है कि हजारीबाग ओएसिस स्कूल से नीट-यूजी का पेपर लीक हुआ था। बिहार ईओयू टीम को बुकलेट बॉक्स से भी छेड़छाड़ के सबूत मिले थे। ईओयू की टीम ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को नीट पेपर लीक से जुड़ी रिपोर्ट सौंप दी है। इस मामले में पेपर लीक के सरगना संजीव मुखिया गैंग के कई साथियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।

क्‍या नेपाल भाग गया संजीव मुखिया : NEET पेपर लीक मामले में फंसा संजीव मुखिया अपने परिवार से अकेला ऐसा इंसान नहीं, जिसका आपराधिक इतिहास हो। जानकारी के मुताबिक संजीव का बेटा भी बीपीएससी द्वारा लिए गए शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण की परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले का मास्टर माइंड बताया जाता है। इस मामले में संजीव के बेटे की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। संजीव मुखिया के नेपाल भागने की आशंका जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि वह बीते कुछ दिनों से नेपाल में ही कहीं छिपा है।

लातूर से 4 लोग गिरफ्तार : बिहार-झारखंड के बाद इस मामले का महाराष्ट्र कनेक्शन भी सामने आया है। नांदेड़ एटीएस ने महाराष्ट्र के लातूर से दो शिक्षकों को हिरासत में लिया है। इसके अलावा दो अन्‍य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एटीएस को संदेह है कि दोनों शिक्षक नीट पेपर लीक मामले में शामिल हैं। संदेह के आधार पर दोनों शिक्षकों को शनिवार रात हिरासत में लिया गया और उनसे पूछताछ की जा रही है। हिरासत में लिए गए दोनों शिक्षक लातूर में निजी कोचिंग क्लास भी चलाते हैं। आरोपी शिक्षकों में से एक लातूर और दूसरा सोलापुर में कार्यरत बताया जा रहा है। शिक्षकों के नाम संजय तुकाराम जाधव और जलील उमरखान पठान हैं।

क्‍या है गुजरात कनेक्‍शन : 14 जून को गुजरात के पंचमहल जिले के गोधरा कस्बे में एक स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक सहित पांच लोगों को 27 अभ्यर्थियों से 10-10 लाख रुपए की रिश्वत लेकर राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) पास कराने में कथित तौर पर मदद करने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 9 मई को दर्ज प्राथमिकी के अनुसार इस मामले का पर्दाफाश गोधरा के एक स्कूल में हुआ जिसे नीट-यूजी के लिए परीक्षा केंद्र बनाया गया था। प्राथमिकी के अनुसार जिलाधिकारी को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए गलत काम कर रहे हैं, जिसके बाद 5 मई को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए आयोजित परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया गया था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में तुषार भट्ट, स्कूल के प्रधानाचार्य पुरुषोत्तम शर्मा, वडोदरा के शिक्षा सलाहकार परशुराम रॉय, उनके सहयोगी विभोर आनंद और बिचौलिया आरिफ वोहरा शामिल हैं! जिला शिक्षा अधिकारी की शिकायत पर गोधरा तालुका पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार भट्ट से सात लाख रुपये नकद बरामद किए गए। तुषार भट्ट जय जलाराम स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत थे और उन्हें शहर में नीट के लिए उप केंद्र अधीक्षक नियुक्त किया गया था। परशुराम रॉय ने अपने कम से कम 27 छात्रों को यह भरोसा दिलाया था कि वह 10 लाख रुपए लेकर उन्हें परीक्षा पास कराने में मदद कर सकते हैं। छापेमारी के दौरान उसके कार्यालय से 2.30 करोड़ रुपए के चेक मिले।

रवि अत्री को यूपी से किया गिरफ्तार : इस मामले में रवि अत्री को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया है।
ग्रेटर नोएडा के नीमका गांव का रहने वाला अत्री का नाम कई राज्यों में परीक्षाओं के पेपर लीक में कथित संलिप्तता के लिए आ चुका है। उसके काम में 'सॉल्वर गैंग' नामक नेटवर्क के माध्यम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हल किए गए प्रश्न पत्र अपलोड करना शामिल है। अत्री को 2012 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा के पेपर लीक करने में उसकी कथित भूमिका के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भी गिरफ्तार किया था। बिहार पुलिस ने राज्य के बाहर भी अपनी जांच का विस्तार करते हुए एक छात्र और सहयोगियों सहित पेपर लीक मामले से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान अत्री के साथ इनके संबंध सामने आए, जिसके बाद आखिरकार यूपी एसटीएफ ने अत्री को पकड़ लिया। 2007 में अत्री के परिवार ने उसे मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा भेजा था। 2012 में उसने परीक्षा पास कर ली और पीजीआई रोहतक में दाखिला ले लिया। हालांकि चौथे साल में अत्री परीक्षा में शामिल नहीं हुआ।

रवि अत्री ने भेजे पेपर्स : कहा जा रहा है कि अत्री गिरोह के सदस्यों ने बिहार में सिकंदर और संजीव को प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए थे। अत्री गिरोह के रवि अत्री का नाम पहले भी कई परीक्षा के पेपर लीक को लेकर सामने आ चुका है। वो फिलहाल ऐसे ही एक मामले में मेरठ की जेल अपनी सजा काट रहा है। उस पर आरोप है कि उसने उत्तर प्रदेश में कुछ समय पहले हुए कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का भी पेपर लीक करवाया था। पुलिस को संदेह है कि अत्री गिरोह ने ही इस बार भी पेपर लीक किया है और परीक्षा से ठीक एक दिन पहले इन प्रश्न पत्रों को सॉल्वर गैंग तक पहुंचाया है। पुलिस को आशंका है कि आरोपियों ने झारखंड के रास्ते बिहार तक ये प्रश्न पत्र पहुंचाए थे।
Edited by Navin Rangiyal

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