पिथौरागढ़। पिछले दस महीनों से भारत-नेपाल की बंद सीमा पर पुलों को नेपाल ने भारतीयों के लिए खोल दिया है। अब नेपालियों को भी उम्मीद है कि जल्द ही भारत भी अपनी सीमा खोल देगा। भारत की तरफ से अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है।
नेपाल सरकार की पहल के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि भारत भी इस बारे में कोई निर्णय लेगा। जिससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी के संबंध भी इस सीमाबंदी से प्रभावित हो रहे थे।
उत्तराखंड में 275 किलोमीटर का बॉर्डर नेपाल से सटा है। इस बॉर्डर पर 8 स्थानों पर दोनों मुल्कों के बीच झूला पुलों से आवाजाही होती है, लेकिन पिछले साल मार्च के आखिर कोरोना की रोकथाम को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन लगने के बाद नेपाल बॉर्डर बंद कर दिया गया था।
लॉकडाउन के बाद रास्ते बंद होने से दोनो देशों के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता प्रभावित होने के साथ ही बॉर्डर की मंडियों में व्यापार भी बुरी तरह चौपट हो गया। इस कारण दोनों देशों के आम लोग सरकारों से इसे खुलवाने की मांग कर रहे थे। दो दिन पहले नेपाल में अपनी सीमा भारतीयों के लिए खोल दी है। अब भारत की बारी है।
हालांकि दोनों देशों के प्रशासन की अनुमति पर आवश्यक कार्यों के लिए अस्थायी तौर पर सीमा को खोला जा रहा है, मगर नियमित रूप से रास्तों और झूला पुलों को खोलने के लिए भारत सरकार की मोहर अभी नहीं लगी है।
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे के अनुसार नेपाल की तरफ से अनुरोध के बाद शासन से पत्राचार चल रहा है। अनुमति मिलने के बाद ही रास्तों को नियमित रूप से खोल दिया जाएगा।