केंद्रीय विवि में नियुक्ति को लेकर Congress का केंद्र पर निशाना, कहा- OBC, SC-ST को नहीं दी नौकरियां

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
रविवार, 27 जुलाई 2025 (19:03 IST)
कांग्रेस ने रविवार को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए रिक्त आरक्षित पदों को लेकर नरेन्द्र मोदी सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि इन श्रेणियों को उचित रोजगार के अवसरों से वंचित करने के लिए ‘‘उपयुक्त नहीं पाया गया’’ प्रावधान को ‘‘हथियार’’ बनाया जा रहा है।
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कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने सरकार पर हमला करने के लिए पिछले सप्ताह शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार द्वारा संसद में दिए गए लिखित उत्तर का हवाला दिया। राज्यसभा में 23 जुलाई को एक प्रश्न के उत्तर में मजूमदार ने कहा कि प्रोफेसर के पद के वास्ते, एससी समुदाय के लिए आरक्षित 308 सीटों में से 111 भरी जा चुकी हैं; एसटी समुदाय के लिए 144 सीटों में से 24 भरी जा चुकी हैं और 423 सीटों में से 84 भरी जा चुकी हैं।
 
उन्होंने कहा था कि एसोसिएट प्रोफेसर के वास्ते, एससी के लिए 632 पदों में से 308 भरे जा चुके हैं; एसटी के लिए 307 पदों में से 108 भरे जा चुके हैं; और ओबीसी के लिए 883 पदों में से 275 भरे जा चुके हैं। सहायक प्रोफेसर के वास्ते, एससी के लिए 1370 पदों में से 1180 भरे जा चुके हैं; एसटी के लिए 704 पदों में से 595 भरे जा चुके हैं; और ओबीसी के लिए 2382 पदों में से 1838 भरे जा चुके हैं।
 
रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में मोदी सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित संकाय पदों पर रिक्तियों के चौंका देने वाले स्तर का खुलासा किया है।
 
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रोफेसर स्तर पर ओबीसी के 80 प्रतिशत, एसटी के 83 प्रतिशत और एससी के 64 प्रतिशत पद रिक्त हैं। सामान्य वर्ग में यह रिक्तियां 39 प्रतिशत हैं। एसोसिएट प्रोफेसर स्तर पर ओबीसी के 69 प्रतिशत, एसटी के 65 प्रतिशत और एससी के 51 प्रतिशत पद रिक्त हैं। सामान्य वर्ग में यह रिक्तियां 16 प्रतिशत हैं।
 
उन्होंने कहा कि सहायक प्रोफेसर स्तर पर ओबीसी के 23 प्रतिशत, एसटी के 15 प्रतिशत और एससी के 14 प्रतिशत पद रिक्त हैं। सामान्य वर्ग में यह रिक्तियां केवल 8 प्रतिशत हैं। 
 
रमेश ने कहा कि हालांकि सरकार ने दावा किया है कि वह संकाय पदों के लिए भर्ती के दौरान ‘उपयुक्त नहीं पाए गए’ (एनएफएस) की व्यापकता पर केंद्रीय रूप से आंकड़े एकत्र नहीं करती है, लेकिन आंकड़े स्पष्ट हैं।
 
रमेश ने कहा,‘‘यह उस मुद्दे का स्पष्ट प्रमाण है जिसे राहुल गांधी ने उठाया है कि एनएफएस का इस्तेमाल एससी, एसटी और ओबीसी उम्मीदवारों के खिलाफ हथियार के रूप में किया जा रहा है ताकि उन्हें उचित रोजगार के अवसरों से वंचित किया जा सके तथा सरकारी नौकरी में आरक्षण के संवैधानिक प्रावधान को कमजोर किया जा सके।’’
 
गांधी ने शुक्रवार को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए रिक्त आरक्षित पदों को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला था और कहा था कि यह सिर्फ लापरवाही नहीं है, बल्कि बहुजनों को शिक्षा, अनुसंधान और नीतियों से बाहर रखने की एक सुनियोजित साजिश है।  Edited by : Sudhir Sharma

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