NRC मुद्दा, असम सीमा पर तीन राज्यों ने तैनात किए अतिरिक्त सुरक्षा बल

Webdunia
मंगलवार, 31 जुलाई 2018 (12:18 IST)
नई दिल्ली। नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम मसौदे में 40 लाख लोगों के नाम छूटने के बाद वहां से अवैध शरणार्थियों की घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए राज्य से लगती सीमा पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। 
 
नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश की सरकारों ने अवैध शरणार्थियों की घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त मात्रा में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करने के वास्ते दोनों राज्यों के प्रवेश स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं। 
 
सूत्रों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सीमावर्ती क्षेत्रों में कम से कम एक माह तक गश्त बढ़ाने और विशेष चौकसी बरतने के निर्देश दिए हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक नागालैंड पुलिस ने अवैध शरणार्थियों का प्रवेश रोकने के लिए असम की सीमा से लगे क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात किए हैं। 
 
भाजपा के सहयोग से सरकार चला रहे नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने सोमवार को एक सार्वजनिक समारोह में कहा कि कार्य संस्कृति और श्रम की गरिमा के अभाव के कारण अवैध शरणार्थी राज्य में घुसते हैं।
 
उन्होंने राज्य के लोगों से कहा कि अगर वे काम करना शरू कर देंगे तो बाहर वालों को रोजगार नहीं मिलेगा और अगर उन्हें रोजगार नहीं मिलेगा तो वे यहां नहीं आएंगे। नागालैंड सरकार ने ग्राम परिषदों से भी सतर्क रहने और अवैध शरणार्थियों को उसकी सीमा में घुसने नहीं देने को कहा है।
 
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के शासन वाले एक अन्य राज्य मेघालय के उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन तिनसोंग ने कहा कि असम से अवैध प्रवासियों के सीमा पार करने की आशंका के मद्देनजर निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि एनआरसी के अंतिम मसौदे में जिनके नाम शामिल नहीं किए गए हैं, उनमें से कुछ लोग मेघालय में घुसने की कोशिश कर सकते हैं।
 
इस बीच, असम में सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा है कि राज्य में एनआरसी प्रक्रिया में कोई भी त्रुटि नहीं है। यह प्रक्रिया उच्चतम न्यायालय की निगरानी में पूरी की गई है। पार्टी के नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि भारत कोई 'धर्मशाला' नहीं है। यहां काम के लिए आने वाले लोगों को स्थायी रूप से रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
        
असम भाजपा के नेता सैयद ममिनुल अवोल ने कहा कि एनआरसी धर्म आधारित नहीं है बल्कि राज्य में रह रहे भारतीयों और गैर भारतीयों की पहचान के लिए है। पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि भाजपा ने राज्य या देश के किसी भी हिस्से में सत्ता में बने रहने के लिए कभी भी 'तुष्टीकरण की राजनीति' नहीं की। (वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Operation Sindoor के बाद Pakistan ने दी थी न्यूक्लियर अटैक की धमकी, पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी में क्या बोले Vikram Misri, शशि थरूर का भी आया बयान

भारत कोई धर्मशाला नहीं, 140 करोड़ लोगों के साथ पहले से ही संघर्ष कर रहा है, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

Manipur Violence : नृशंस हत्या और लूटपाट में शामिल उग्रवादी केरल से गिरफ्तार, एनआईए कोर्ट ने भेजा ट्रांजिट रिमांड पर

ISI एजेंट से अंतरंग संबंध, पाकिस्तान में पार्टी, क्या हवाला में भी शामिल थी गद्दार Jyoti Malhotra, लैपटॉप और मोबाइल से चौंकाने वाले खुलासे

संभल जामा मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष को तगड़ा झटका

सभी देखें

नवीनतम

मंत्री विजय शाह केस में SIT का गठन, ये 3 IPS करेंगे मामले की जांच

क्या रुकेगा रूस-यूक्रेन युद्ध, जेलेंस्की के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने 2 घंटे तक फोन पर पुतिन से की बात, थम जाएगा युद्ध?

Pakistani Spy Arrest : देश से गद्दारी कर पाकिस्तान के लिए कर रहे थे जासूसी, पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश से 12 लोगों की गिरफ्तारी

लोकमाता देवी अहिल्या हैं नारी सशक्तीकरण, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सुशासन की मिसाल : मोहन यादव

Weather Update : बेंगलुरु में रातभर हुई भारी बारिश, जलभराव से यातायात बाधित, मौसम विभाग ने दी यह चेतावनी

अगला लेख