Tehreek-e-Hurriyat office attached : पुलिस ने बुधवार को प्रतिबंधित तहरीक-ए-हुर्रियत कश्मीर के कार्यालय की 3 मंजिला इमारत को कुर्क कर लिया। यह संगठन कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने 2004 में स्थापित किया था। कुर्क की गई संपत्ति में 5,700 वर्गफुट के भूखंड पर बनी 3 मंजिला इमारत शामिल है, जिसका इस्तेमाल प्रतिबंधित संगठन के कार्यालय के रूप में किया जा रहा था। यह कार्रवाई पिछले साल यूएपीए के तहत बडगाम थाने में दर्ज एक प्राथमिकी से जुड़ी है। पड़ोस के बडगाम से पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने हैदरपोरा स्थित तहरीक-ए-हुर्रियत कार्यालय की दीवार पर एक बोर्ड लगाकर इमारत की कुर्की की घोषणा की।
 
									
			
			 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	
	 
	अधिकारियों ने बताया कि पड़ोस के बडगाम से पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने हैदरपोरा स्थित तहरीक-ए-हुर्रियत कार्यालय की दीवार पर एक बोर्ड लगाकर इमारत की कुर्की की घोषणा की। उन्होंने बताया, अलगाववादी और आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में बडगाम पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) की धारा 25 के तहत हैदरपोरा के रहमताबाद स्थित प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत के मुख्यालय को कुर्क कर लिया है।
 
									
										
								
																	
									
											
									
			        							
								
																	
	अधिकारियों ने बताया कि कुर्क की गई संपत्ति में 5,700 वर्गफुट के भूखंड पर बनी तीन मंजिला इमारत शामिल है, जिसका इस्तेमाल प्रतिबंधित संगठन के कार्यालय के रूप में किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई पिछले साल यूएपीए के तहत बडगाम थाने में दर्ज एक प्राथमिकी से जुड़ी है।
 
									
											
								
								
								
								
								
								
										
			        							
								
																	
	 
	उन्होंने कहा, एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर और सक्षम प्राधिकारी से उचित अनुमोदन प्राप्त करके, कानूनी प्रावधानों के अनुसार संपत्ति को कुर्क किया गया। यह कार्रवाई गैरकानूनी और विध्वंसक गतिविधियों के खिलाफ जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरों को बेअसर करने तथा क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए बडगाम पुलिस के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।
 
									
			                     
							
							
			        							
								
																	
									
			                     
							
							
			        							
								
																	
	साल 2002 में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के घटक दल पीपुल्स कॉन्फ्रेंस द्वारा छद्म उम्मीदवारों के माध्यम से चुनावों में भाग लेने पर जमात-ए-इस्लामी जम्मू और कश्मीर की चुप्पी के कारण उससे अलग होने के बाद गिलानी ने तहरीक-ए-हुर्रियत कश्मीर नामक अपना संगठन बनाया। इसके कारण हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में विभाजन हो गया और गिलानी ने 2004 में एक समानांतर गठबंधन बनाया। (इनपुट एजेंसी)
	Edited By : Chetan Gour