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विपक्ष ने उठाई संसद में SIR पर चर्चा की मांग, क्या बोली सरकार

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
रविवार, 30 नवंबर 2025 (17:54 IST)
देश के 12 राज्यों में चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण  का कार्य किया जा रहा है। इस बीच संसद के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर चर्चा की मांग उठाई और इस बात का संकेत दिया कि यदि सरकार उनकी मांग पर सहमत नहीं हुई तो दोनों सदनों में गतिरोध की स्थिति बन सकती है। हालांकि सरकार ने कहा कि संसद की कार्यवाही अच्छी तरह चलनी चाहिए और वह गतिरोध की स्थिति को टालने के लिए विपक्षी दलों के साथ बातचीत जारी रखेगी।
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क्या बोली सरकार
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने चुटीले अंदाज में यह भी कहा कि यह शीतकालीन सत्र है और इसमें सबको ‘ठंडे दिमाग से’ काम करना चाहिए। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने सर्वदलीय बैठक में एसआईआर के साथ ही दिल्ली विस्फोट की पृष्ठभूमि में राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया। इसके साथ ही, उन्होंने वायु प्रदूषण, विदेश नीति, किसानों की स्थिति, महंगाई, बेरोजगारी और कुछ अन्य विषयों पर सत्र के दौरान चर्चा कराने का आग्रह किया।
 
किरेन रीजीजू ने सर्वदलीय बैठक को सकारात्मक करार देते हुए कहा, ‘‘ बैठक में जो भी सुझाव आए हैं, उनको विचार के बाद बीएसी (कार्य मंत्रणा समिति) में रखा जाएगा। कुल मिलाकर 36 दलों के 50 नेता शामिल हुए। सरकार की तरफ से आश्चासन देता हूं कि संसद का शीतकालीन सत्र अच्छी तरह से चलाने के लिए विपक्ष के साथ बातचीत करते रहेंगे। विपक्ष नेताओं से अनुरोध है कि संसद को अच्छी तरह से चलाने में सहयोग करें।’’
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रीजीजू का कहना था, ‘‘लोकतंत्र, विशेष रूप से संसदीय लोकतंत्र में गतिरोध होतो है, राजनीतिक दलों में मतभेद होते हैं। इसके बावजूद हम सब तय करें कि सदन में गतिरोध पैदा नहीं करना है और अपनी बात रखकर विरोध दर्ज कराना है, तो सदन चलेगा।’’
 
उन्होंने एसआईआर के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘विपक्षी दलों में कई नेता है जो संसद चलाना और मुद्दे उठाना चाहते हैं। इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि सभी विपक्षी दल एसआईआर का मुद्दा उठाकर संसद की कार्यवाही बाधित करना चाहते हैं।’’ उनका कहना था कि विपक्ष ने कई मुद्दे रखे हैं, उनमें से एसआईआर भी एक है। रीजीजू ने कहा कि एसआईआर पर चर्चा नहीं हुई तो संसद नहीं चलने देंगे, ऐसा सब राजनीतिक दलों ने नहीं कहा है। किसी ने बाहर बयान दिया है तो उसे सामूहिक बयान नहीं मानना चाहिए। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होगा और यह 19 दिसंबर को समाप्त होगा।
 
कांग्रेस ने क्या लगाया आरोप
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक महज एक औपचारिकता थी। सर्वदलीय बैठक के बाद लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने पत्रकारों से कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह नीत सरकार लोकतंत्र, संसदीय परंपरा और मर्यादा को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
 
उन्होंने दावा किया कि सरकार खुद संसद को ‘डिरेल करने’ (पटरी से उतारने) की कोशिश कर रही है। गोगोई का कहना था कि हमने कहा है कि हमें राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करने की जरूरत है। दिल्ली में विस्फोट कानून व्यवस्था और गृह मंत्रालय की विफलता का सबूत है, लेकिन ऐसा नहीं लगता कि सरकार इस पर किसी अल्पकालिक चर्चा के लिए तैयार है।
 
उन्होंने कहा कि सरकार के समक्ष वायु प्रद्रूषण, विदेश नीति, किसानों की स्थिति और प्राकृतिक आपदा से जुड़े विषयों पर भी चर्चा की मांग की गई है। राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि यदि सरकार एसआईआर पर चर्चा के लिए तैयार नहीं होती है तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि वह संसद नहीं चलने देना चाहती।
 
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि यदि एसआईआर पर चर्चा नहीं कराई गई तो संसद में गतिरोध होगा। उन्होंने कहा कि हमने एसआईआर का मुद्दा उठाया है क्योंकि बड़े पैमाने पर मैंने अनियमितताएं देखी हैं। लोगों के नाम काटे जा रहे हैं, लोगों के आवेदन में गड़बड़ी की जा रही…बिहार में घपला हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव आयोग का नाम लेकर चर्चा कराने से पल्ला नहीं झाड़ सकती। यादव ने कहा कि मान लीजिए कि निर्वाचन आयोग प्रधानमंत्री का नाम काट दे तो क्या इस पर चर्चा नहीं होगी?
 
तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी सदन चलाने के लिए सहयोग को तैयार है, लेकिन इसके लिए सरकार को भी सहयोग करना होगा। उन्होंने दावा किया कि एसआईआर पर चर्चा होनी चाहिए। कई बीएलओ की मौत हुई है, यह गंभीर मुद्दा है। बनर्जी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी ‘‘खामियों’’ पर भी चर्चा होनी चाहिए। द्रमुक नेता तिरुचि शिवा ने कहा कि सभी विपक्षी दल इसको लेकर सहमत हैं कि शीतकालीन सत्र में एसआईआर पर चर्चा होनी चाहिए। Edited by : Sudhir Sharma

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