क्या है Geneva Convention, जिससे होगी पायलट अभिनंदन की सुरक्षित घर वापसी...

Webdunia
बुधवार, 27 फ़रवरी 2019 (19:37 IST)
भारत की स्वीकारोक्ति के बाद कि नष्ट हुए भारत के लड़ाकू मिग विमान का पायलट पाकिस्तान के कब्जे में है। इस दुखद घटना के बाद भारतीय लोगों के मन यह सवाल भी कौंध रहा है कि अब पायलट अभिनंदन का क्या होगा? क्या उसकी रिहाई होगी या फिर वह पाकिस्तान की कैद में रहेगा?
 
ALSO READ: Air Strike : सेना के साहस को दंपति का अनोखा सलाम, बेटे का नाम रख दिया मिराज...
 
भारत ने जहां पायलट को सुरक्षित लौटाने की मांग की है, वहीं पाकिस्तान ने भारत को इस संबंध में कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। चूंकि भारतीय पायलट अभिनंदन युद्धबंदी हैं, इसलिए जेनेवा समझौते के मुताबिक उनके साथ न तो दुर्व्यवहार किया जा सकता है और न ही उन्हें डराया-धमकाया जा सकता है।
 
ALSO READ: कौन है पायलट अभिनंदन वर्धमान जिसे पकड़ने का दावा पाकिस्तान ने किया है?
 
क्या है जेनेवा संधि : जेनेवा समझौते (Geneva Convention) के तहत किसी भी युद्धबंदी के साथ अमानवीय व्यवहार नहीं किया जा सकता, न ही उसे डराया-धमकाया नहीं जा सकता। इस समझौते में चार संधियां और तीन अतिरिक्त प्रोटोकॉल (मसौदे) शामिल हैं। इनका मकसद युद्ध के समय मानवीय मूल्यों को बनाए रखने के लिए कानून तैयार करना है। इस संबंध में पहली संधि 1864 में हुई थी। इसके बाद दूसरी और तीसरी संधि 1906 और 1929 में हुई। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 1949 में 194 देशों ने मिलकर चौथी संधि की थी।
 
समझौते में युद्ध क्षेत्र में घायलों की उचित देख-रेख और आम लोगों की सुरक्षा की बात कही गई है। जेनेवा समझौते में दिए गए अनुच्छेद 3 के मुताबिक युद्ध के दौरान घायल होने वाले युद्धबंदी का अच्छे तरीके से उपचार होना चाहिए। संधि के मुताबिक युद्धबंदियों पर मुकदमा तो चलाया जा सकता है, लेकिन युद्ध के बाद उन्हें वापस लौटाना होता है। युद्धबंदियों से सिर्फ उनके नाम, सैन्य पद, नंबर और यूनिट के बारे में पूछा जा सकता है।
 
इस संधि के तहत घायल सैनिक की उचित देखरेख एवं उन्हें खाना-पीना और जरूरत की सभी चीजें दी जाती हैं। किसी देश का सैनिक जैसे ही पकड़ा जाता है उस पर ये संधि लागू होती है। इसके साथ ही युद्धबंदी के साथ रैंक के अनुसार प्रोटोकॉल मिलता है।
 
नचिकेता की हुई थी रिहाई : गौरतलब है कि कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट नचिकेता पाकिस्तान के कब्जे में चले गए थे। वे कारगिल युद्ध के अकेले युद्धबंदी थे। भारत सरकार ने उनकी रिहाई के लिए पुरजोर कोशिश की। तब पाकिस्तान ने नचिकेता को रेडक्रॉस के हवाले कर दिया गया। उसी के जरिए वे भारत पहुंचे थे। इसी आधार पर कहा जा रहा है अभिनंदन भी सुरक्षित भारत आ जाएंगे।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

5वें चरण में 57.40 फीसदी मतदान, बारामूला में टूटा वोटिंग का रिकॉर्ड, जानें कहां कितने प्रतिशत पड़े वोट

वाइस प्रेसिडेंट मुखबेर ईरान के अंतरिम राष्ट्रपति बने, भारत में 1 दिन का शोक

भीषण गर्मी में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में सुस्त रही मतदान की रफ्तार, आदित्य ठाकरे ने निर्वाचन आयोग पर उठाए सवाल

AAP की मुश्किलें बढ़ीं, ED की चार्जशीट में खुलासा अमेरिका, ईरान, यूएई जैसे देशों से मिली करोड़ों की फंडिंग

दिग्विजय सिंह का दावा, I.N.D.I.A. गठबंधन को वैसा ही समर्थन मिल रहा, जैसा 1977 में...

अनचाही कॉल्स रोकने के लिए सरकार ने बनाया बड़ा प्लान

Realme GT 6T 5G मचा देगा तूफान, 5500mAh की बैटरी के साथ धांसू फीचर्स

TMC समर्थक शिक्षाविदों की राष्ट्रपति मुर्मू से अपील, कालेधन पर PM मोदी के बयान पर लें संज्ञान

Swati Maliwal case : स्वाति मालीवाल मामले पर पहली बार अरविंद केजरीवाल का बयान, जानिए क्या बोले

Adani Group से जुड़े घोटालों को लेकर कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना, दिया यह बयान...

अगला लेख