rashifal-2026

PM मोदी बोले- राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में अहम भूमिका निभाएगा बजट, डिजिटल विश्वविद्यालय से 'सीट' की समस्‍या भी होगी खत्‍म...

Webdunia
सोमवार, 21 फ़रवरी 2022 (16:24 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि 2022-23 का केन्द्रीय बजट राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने में अहम भूमिका निभाएगा। मोदी ने कहा, मैं 'डिजिटल विश्वविद्यालय' में वह ताकत देख रहा हूं, जिससे हमारे देश में शैक्षणिक संस्थानों में 'सीट' की समस्या पूरी तरह खत्म हो सकती है।

प्रधानमंत्री ने ‘केन्द्रीय बजट 2022-23 के सकारात्मक प्रभाव’ विषय पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि ‘नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी’ की स्थापना से देश के शैक्षणिक संस्थानों में ‘सीट’ की समस्या हल हो सकती है।

मोदी ने कहा कि बजट शिक्षा क्षेत्र के पांच पहलुओं- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल विकास, शहरी नियोजन एवं डिजाइन, अंतर-राष्ट्रीयकरण और एवीजीसी (एनिमेशन विजुअल इफेक्ट्स गेमिंग कॉमिक) के सार्वभौमीकरण पर केन्द्रित है। उन्होंने कहा, वैश्विक महामारी के इस समय में ‘डिजिटल कनेक्टिविटी’ ने हमारी शिक्षा व्यवस्था को बचाए रखा।

उन्होंने कहा, हम देख रहे हैं कि कैसे भारत में तेजी से ‘डिजिटल डिवाइड’ कम हो रहा है। नवाचार हमारे लिए समावेश सुनिश्चित कर रहा है। ‘डिजिटल डिवाइड’, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों (आईसीटी) के उपयोग एवं प्रभाव के संबंध में एक आर्थिक तथा सामाजिक असमानता है।

उन्होंने कहा, डिजिटल विश्वविद्यालय एक अभिनव और अभूतपूर्व कदम है, जिसमें विश्वविद्यालयों में सीट की समस्या को पूरी तरह से हल करने की क्षमता है। मैं शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और ‘डिजिटल विश्वविद्यालय’ के सभी हितधारकों से परियोजना पर तेजी से काम करने का आह्वान करता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-विद्या, वन क्लास वन चैनल, डिजिटल लैब, डिजिटल यूनिवर्सिटी जैसी शैक्षिक अवसंरचनाएं युवाओं के लिए बहुत मददगार होंगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने में 2022-23 का बजट काफी मदद करेगा।

बजट में, देशभर में छात्रों तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक ‘डिजिटल विश्वविद्यालय’ की स्थापना की घोषणा का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह अपनी तरह का एक अनोखा एवं अभूतपूर्व कदम है। मोदी ने कहा, मैं ‘डिजिटल विश्वविद्यालय’ में वह ताकत देख रहा हूं, जिससे हमारे देश में शैक्षणिक संस्थानों में ‘सीट’ की समस्या पूरी तरह खत्म हो सकती है।

सोमवार को ‘अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ पर उन्होंने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा बच्चों के मानसिक विकास से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि अनेक राज्यों में स्थानीय भाषाओं में चिकित्सा और प्रौद्योगिकी शिक्षा की पढ़ाई शुरू हो चुकी है।

मोदी ने कहा, कई राज्यों में स्थानीय भाषाओं में चिकित्सा एवं तकनीकी शिक्षा भी दी जा रही है। स्थानीय भारतीय भाषाओं में डिजिटल प्रारूप में सर्वोत्तम सामग्री बनाने की गति होनी चाहिए। ऐसी सामग्री इंटरनेट, मोबाइल फोन, टीवी और रेडियो के माध्यम से उपलब्ध होनी चाहिए।

उन्होंने सांकेतिक भाषाओं में सामग्री के संबंध में काम को प्राथमिकता के साथ जारी रखने की आवश्यकता को दोहराया। प्रधानमंत्री ने कहा, आत्मनिर्भर भारत के लिए वैश्विक प्रतिभा की मांग के दृष्टिकोण से गतिशील तरीके से कौशल प्रदान करना महत्वपूर्ण है।(भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

दिल्ली के लोग किस मौसम का मजा लें, PM मोदी के बयान पर बोलीं प्रियंका गांधी

Samsung Galaxy Tab A11 भारत में लॉन्च, AI फीचर्स और दमदार बैटरी के साथ मचा देगा धमाल

kharge vs nadda : जगदीप धनखड़ के जिक्र पर राज्यसभा में बवाल, नड्डा ने खरगे को दे डाली डॉक्टर के पास जाने की सलाह

MSP और कर्जमाफी को लेकर 5 जिलों के हजारों किसानों का हाईवे जाम, आटा-दाल साथ लाए, रूट डायवर्ट, आमजन परेशान

संसद परिसर में कुत्ते पर कलह, रेणुका चौधरी ने कहा- छोटा सा तो है, काटने वाले तो...

सभी देखें

नवीनतम

अचानक इंदौर के दयालबाग स्थित आश्रय स्थल पहुंचे मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव, ली सुविधाओं की जानकारी

Sanchar Saathi App क्या है और सरकार ने स्मार्टफोन कंपनियों क्यों दिया आदेश, कैसे रुकेंगे साइबर क्राइम

VIT प्रबंधन का तानाशाही रवैया, जांच रिपोर्ट में खुलासा, 35 स्टूडेंट्स को पीलिया, यूनिवर्सिटी से 7 दिन में जवाब तलब, बड़े एक्शन की चेतावनी

गीता का प्रत्येक अध्याय ज्ञान, विज्ञान, दर्शन, योग और कर्तव्य की भावना से परिपूर्ण : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

किसानों की समृद्धि के लिए पश्चिम यूपी के गांवों में पहुंच रही योगी सरकार

अगला लेख