Inside story: हाथरस के सहारे ‘हाथ’ को मजबूत करते राहुल और प्रियंका गांधी

हाथरस पर राहुल और प्रियंका गांधी ने निभाई विपक्ष की भूमिका

विकास सिंह
गुरुवार, 1 अक्टूबर 2020 (18:55 IST)
हाथरस गैंगरेप कांड के पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे राहुल और प्रियंका गांधी आज दिन भर सुर्खियों में रहे। 10 जनपथ से हाथरस जाने के लिए निकले राहुल और प्रियंका गांधी को दिल्ली से निकलते ही ग्रेटर नोएडा में परी चौक के पास एक्सप्रेस-वे पर यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने से पहले राहुल और प्रियंका गांधी के साथ पुलिकर्मियों की धक्कमुक्की भी हुई इस दौरान राहुल गांधी सड़क पर गिर भी गए। इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरेजवाला ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने राहुल गांधी को लाठी से पीटा भी।
 
हाथरस में दलित लड़की से पहले गैंगरेप और उसके बाद पुलिस की संवेदनहीनता ने वैसे तो पूरे देश को झकझोर कर रखा दिया है लेकिन इस पूरे मुद्दे को लेकर जिस तरह राहुल और प्रियंका के नेतृत्व में कांग्रेस ने योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ सड़क पर मोर्चा खोला है, उससे पूरी भाजपा बैकफुट पर नजर आ रही है।
उत्तरप्रदेश में कांग्रेस पार्टी को फिर से जिंदा करने की कोशिश में लगी प्रियंका गांधी हाथरस गैंगरेप कांड को लेकर कई दिन से योगी सरकार पर हमलावर थी लेकिन आज अचानक से राहुल और प्रियंका ने एक साथ हाथरस जाने का एलान का सभी को चौंका दिया। 
 
उत्तरप्रदेश की सियासत में पिछले तीन दशक से अधिक समय से दलितों की मसीहा बनकर राजनीति करने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाथरस में दलित लड़की से हैवानियत पर मात्र ट्वीट कर खानापूर्ति कर दी, तो मुख्य विपक्षी दल कहलाने वाले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी सड़क पर उतरने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। ऐसे में कोरोनाकाल में राहुल और प्रियंका गांधी के एक साथ सड़क पर उतरने का काफी सियासी मयाने भी तलाशने जाने शुरु कर दिए गए है।     
उत्तरप्रदेश में मात्र सात विधायकों वाली कांग्रेस पार्टी की नजर अब 2022 में शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव पर टिक गई है। 20 फीसदी से अधिक वोट बैंक वाला दलित समाज उत्तरप्रदेश में सरकारों का मुकद्दर तय करता आया है। नब्बे के दशक में मायावती को देश के सबसे बड़े सूबे की मुख्यमंत्री बनने में इसी दलित वोटरों की अहम भूमिका रही थी। 
 
2017 के उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजें बताते है कि दलितों का यह वोट बैंक अब मायावती से छिटक सा गया है। दलितों पर मायावती की कमजोर होती पकड़ को फायदा उठाकर कई सियासी दल अब इस  वोटबैंक सेंध लगाने की फिराक में है। कभी कांग्रेस का कोर वोटर रहे दलितों को फिर से कांग्रेस की ओर मोड़ने में उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी दलितों के मुद्दे पर पिछले लंबे से मुखर भी रही है।
 
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अभिसार शर्मा कहते हैं कि आज की घटना उत्तर प्रदेश ही नहीं देश की सियासत में निर्णायक मोड़ साबित होगी। आज राहुल और प्रियंका गांधी ने सही मायनों में विपक्ष की भूमिका निभाई है। सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने अंहकार और ज्यादती की सभी हदों को पार कर दिया है बात चाहे हाथरस की गुड़िया का अंतिम संस्कार बिना परिवार की रजामन्दी के बगैर करने की हो या फिर विपक्ष के नेताओं पर इस तरह बल प्रयोग करने की। 
ALSO READ: राहुल-प्रियंका गांधी के हाथरस दौरे की कहानी, चित्रों की जुबानी... (फोटो)
'वेबदुनिया' से बातचीत में अभिसार शर्मा कहते हैं कि जार्ज फर्नांडीज ने कहा भी था कि जब तक नेता पुलिस के डंडे नहीं खायेगा वो राजनेता नहीं बन सकता। राहुल और प्रियंका की सक्रियता असल में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर ही है और पिछले काफी समय से भाई-बहन की यह जोड़ी कोई भी राजनीतिक मौका नहीं चूक रही है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Lok Sabha Chunav : रायबरेली में प्रियंका गांधी संभाल रहीं भाई राहुल का चुनावी कैंपेन, PM मोदी को लेकर लगाया यह आरोप

Sandeshkhali Case : बैरकपुर में प्रधानमंत्री मोदी का दावा, बोले- प्रताड़ित महिलाओं को धमका रहे TMC के गुंडे

केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में दी 10 गारंटी, कहा फेल हुआ भाजपा का प्लान

Gold ETF से निवेशकों ने अप्रैल में निकाले 396 करोड़, जानिए क्‍या है कारण...

FPI ने मई में की 17000 करोड़ से ज्‍यादा की निकासी, चुनाव काल में क्‍या है विदेशी निवेशकों का रुख

Lok Sabha Elections LIVE: पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा, जम्मू कश्मीर में सबसे कम मतदान

पीएम मोदी आज शाम वाराणसी में, करेंगे 6 किलोमीटर लंबा रोड शो

CBSE 10th Result 2024 : सीबीएसई 10वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम घोषित, 93.6% विद्यार्थी उत्तीर्ण

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में एसयूवी पलटने से 3 की मौत, 4 घायल

आखिर भारत कैसे बना धार्मिक अल्पसंख्यकों का सुरक्षित ठिकाना

अगला लेख