गुरुग्राम/मुंबई। गुरुग्राम पुलिस ने आज रेयान इंटरनेशनल स्कूल के माली हरपाल सिंह को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की जो कक्षा-2 के छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले में महत्वपूर्ण गवाह है। मामले में और गिरफ्तारियों की संभावना है। यह जानकारी विशेष जांच दल (एसआईटी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।
इस बीच, बंबई उच्च न्यायालय ने रेयान इंटरनेशनल स्कूल के तीन न्यासियों की अग्रिम जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया, लेकिन उन्हें अपील दायर करने के लिए कल तक के लिए गिरफ्तारी से राहत दे दी।
अदालत ने समूह के सीईओ रेयान पिंटो और उसके माता पिता-संस्थापक सदस्य ऑगस्ताइन पिंटो और समूह प्रबंध निदेशक ग्रेस पिंटो को यह निर्देश भी दिया कि वे अपने पासपोर्ट मुंबई पुलिस को सौंप दें।
गुरुग्राम में एसआईटी ने और अधिक सबूत जुटाने के प्रयास जारी रखे क्योंकि इसने जल्द आरोप पत्र दायर करने का फैसला किया है। अधिकारी के अनुसार जांचकर्ताओं ने कल हिरासत में लिए गए माली से पूछताछ की।
सात वर्षीय प्रद्युम्न ठाकुर गत शुक्रवार को स्कूल के शौचालय में मिला था जिसका गला रेत दिया गया था। अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया था। स्कूल बस का कंडक्टर अशोक कुमार प्रमुख आरोपी के रूप में उभरा था और उसे उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एसआईटी जांच के दायरे से ऐसा कोई भी सबूत नहीं छोड़ना नहीं चाहती जो महत्वपूर्ण हो सकता है और जो इस मामले को सुलझाने में कारगर हो सकता है।
अधिकारी ने कहा, अदालत में आरोप पत्र दायर करने में तीन दिन बचे हैं और हमने आरोपी अशोक कुमार के खिलाफ संभावित सकारात्मक सुराग हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ और गिरफ्तारियों की संभावना है।
एसआईटी के सदस्यों ने सुराग के लिए कल स्कूल को खंगाला और सीबीएसई की एक समिति ने भी सुरक्षा इंतजामों में खामियों को देखने के लिए परिसर का निरीक्षण किया।
एसआईटी हरपाल सिंह के साथ ही 17 लोगों से पूछताछ कर चुकी है जिनमें सेक्शन इंचार्ज अंजू डुडेजा, निलंबित कार्यवाहक प्रधानाचार्य नीरजा बत्रा, पूर्व प्रधानाचार्य राखी वर्मा, बस चालक सौरभ राघव, बस कांट्रैक्टर हरकेश प्रधान और आठ सुरक्षा गार्ड शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि सभी संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है चाहे वह निलंबित स्कूल प्रधानाचार्य हो, वरिष्ठ प्रबंधन अधिकारी हों या स्टाफ सदस्य।
उन्होंने कहा, एसआईटी ने मुंबई स्थित रेयान मुख्यालय से 200 पृष्ठ के दस्तावेज बरामद किए हैं जिनमें पांच पृष्ठों का दस्तावेज बच्चों की सुरक्षा पर, तीन पृष्ठ अग्निशमन उपकरणों पर, चार पृष्ठ सुरक्षा नियमों पर और 39 पृष्ठ स्कूल से संबंधित सड़क सुरक्षा पर हैं। स्कूल गार्डों में से एक नारायण ने उन नियम शर्तों का ब्योरा दिया जिनके अनुरूप स्कूल ने आठ गार्डों को सेवा पर रखा था। ये गार्ड दो पालियों में काम करते थे।
नारायण ने कहा, दिन में 1200 छात्रों की सुरक्षा के लिए केवल चार गार्ड मौजूद होते हैं। उसने कहा कि तीन गार्ड गेट पर तैनात रहते हैं और चौथा गार्ड मुख्य इमारत के प्रवेश द्वार पर तैनात रहता है। सात वर्षीय छात्र की निर्मम हत्या के बाद स्कूल के सुरक्षा प्रबंध जांच अधिकारियों की नजरों में आ गए हैं। एसआईटी अधिकारी ने कहा, हम सुरक्षा गार्डों से भी पूछताछ कर रहे हैं। (भाषा)