Live Update : आंदोलनकारी और आंदोलनजीवियों में फर्क करने की जरूरत

Webdunia
बुधवार, 10 फ़रवरी 2021 (17:15 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा के बाद बुधवार को कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर हमें नए संकल्प लेना है। प्रधानमंत्री ने अपनी बात को आगे जारी रखते हुए कहा...


05:42 PM, 10th Feb
-देश को गुमराह करने वालों को पहचानने की जरूरत।
-आंदोलनकारी और आंदोलनजीवियों में अंतर करने की जरूरत है। 
-विपक्ष विकास के मुद्दे पर चर्चा ही नहीं करना चाहता। 
-किसानों के आंदोलन को अपवित्र करने का प्रयास। 
-आत्मनिर्भर भारत के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर जरूरी। 
-देश में सबसे बड़ा सोलर पार्क बन रहा है। 

05:15 PM, 10th Feb
-आजादी के बाद 28 फीसदी खेतिहर मजदूर थे। अब देश में 55 फीसदी खेतिहर मजदूर हैं। 
-हमें बदलाव और सुधारों के लिए काम करना चाहिए।
-खेती-किसानी परंपरा से जुड़ी हुई है। 
-रिबन काटेंगे, दीये जलाएंगे, देश ऐसे नहीं चलता। 
-विकास और बदलाव के लिए कृषि कानून जरूरी है। 
-देश में छोटे किसानों की उपेक्षा हुई है। छोटे किसानों की उपेक्षा कर देश का भला नहीं कर सकते। 
-आंदोलन पर बैठे किसानों को गुमराह किया जा रहा है। 
-लोकतंत्र में सरकार मांगने पर काम नहीं करती। 

05:02 PM, 10th Feb
-आंदोलनजीवी कहते हैं ऐसा होगा, वैसा होगा। 
-आंदोलनजीवी ही कृषि कानून को लेकर फैला रहे हैं अफवाहें। 
-मांगा नहीं तो क्यों दिया, इस तर्क से हैरानी। 
-मैं हैरान हूं, सदन में पहली बार इस तरह का तर्क आया। 
-देश हित में कानून बनाए जाते हैं। 
-बार-बार नारेबाजी, काले कानून वापस लो, काले कानून वापस लो... 
-मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। कांग्रेस के लोकसभा सदस्य अलग चलते हैं और राज्यसभा के अलग। 
-यह पार्टी न खुद का भला कर सकती है, न देश का। 
-कांग्रस सांसदों ने लोकसभा से वाकआउट किया।  

04:51 PM, 10th Feb
-प्रधानमंत्री के भाषण के बीच सदन में लगे नारे, काले कानून वापस लो।
-विपक्ष के हंगामे के बाद मोदी ने कहा कि हंगामा करके आप लोगों का विश्वास नहीं जीत सकते। 
-हम किसानों के साथ सम्मान भाव से वार्ता कर रहे हैं। 
-यदि कृषि कानून में कोई कमी होगी तो उसे बदल दिया जाएगा। 
-आंदोलनकारी किसानों की भावनाओं का सम्मान। 
-नए कानून बनने के बाद एमएसपी की खरीद बढ़ी है। 
-कानून लागू होने के बाद कोई मंडी बंद नहीं हुई। 

04:44 PM, 10th Feb
-कोरोना काल में कृषि में सुधार के लिए तीन कृषि कानून लाए गए। 
-कृषि में सुधार के लिए ईमानदार प्रयास किए गए। 
-कांग्रेस ने कानून के कलर पर चर्चा की, कंटेंट पर नहीं। 
-अच्छा होता कृषि कानून के प्रावधानों पर चर्चा करते। 
-आंदोलनकारी किसान अफवाहों का शिकार हैं। 
-रेहड़ी-पटरी वालों को हमने सीधे पैसे पहुंचाए।
-अर्थव्यवस्था में तेजी से हो रहा है सुधार। 

04:38 PM, 10th Feb
-भगवान की कृपा है कि दुनिया हिल गई और हम बच गए। 
-सफाई कर्मचारी भगवान का रूप बनकर आए। 
-दुनिया के अमीर देश अपने नागरिकों की मदद नहीं कर पाए। 
-जन-धन बैंक खातों में महिलाओं को मदद दी गई। 
-आधार के माध्यम से लोगों को मदद पहुंचा पाए। 
-कोरोना संकट में 75 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया। 

04:36 PM, 10th Feb
-आजादी के 75 साल पर हर देशवासी को नए संकल्प लेना है। 
-75 वर्ष का पड़ाव हर हिन्दुस्तानी के लिए गर्व की बात।
-अंग्रेजों को भारत के एक राष्ट्र बनने पर आशंका थी।
-अंग्रेज भारत को कई देशों का महाद्वीप कहते थे।
-दुनिया के लिए भारत आशा की किरण बनकर आया।  
-राष्ट्रपति का भाषण देश की संकल्प शक्ति का प्रतीक।
-महिला सांसदों का विशेष रूप से आभार। 
-संकटकाल में देश ने अपना रास्ता चुना।
-आत्मनिर्भर भारत ने एक के बाद एक कई कदम उठाए। 
-कोरोना के बाद संबंधों का नया वातावरण बना। 
-हमने खुद के साथ साथ दुनिया को भी संभाला। 
-शांति के बीच सभी सैन्य शक्ति बढ़ाते रहे। 
-विश्व से कटकर भारत कोने रहकर गुजर नहीं कर सकता।
-भारत में भय का माहौल बनाने की कोशिश हुई। 
-अब भारत को दुनिया में नई भूमिका निभानी होगी। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख