नई दिल्ली। काशी-महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन में भगवान शिव के लिए छोड़ी गई एक सीट (मंदिर) पर बवाल मच गया है। इस मामले में धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देते हुए एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाया है, जबकि विवाद के बाद रेलवे ने सफाई भी दी है।
काशी विश्वनाथ और महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने वाली यह एक्सप्रेस ट्रेन वाराणसी से इंदौर के बीच चलेगी। काशी-महाकाल एक्सप्रेस में भगवान शिव के आरक्षित कि गई सीट पर उठे बवाल को लेकर भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) ने सफाई दी है।
इस मामले में IRCTC ने कहा है कि यह व्यवस्था काशी-महाकाल एक्सप्रेस की उद्घाटन यात्रा के समय के लिए ही थी। इसमें भगवान शिव के लिए एक सीट आरक्षित की गई, ताकि इस नई परियोजना की सफलता के लिए उनका आशीर्वाद लिया जा सके।
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने धर्मनिरपेक्षता का हवाला देकर सवाला उठाया था। ओवैसी ने इस पर आपत्ति जताते हुए पीएमओ को टैग करके ट्वीट किया था। ओवैसी ने संविधान की प्रस्तावना की एक तस्वीर एवं एएनआई के ट्वीट को भी रीट्वीट किया।
एएनआई के ट्वीट में लिखा था कि काशी महाकाल एक्सप्रेस (वाराणसी से इंदौर) के कोच B5 की सीट नंबर 64 को भगवान शिव के लिए एक मिनी-टेंपल में तब्दील किया गया है।