शरद पवार ले रहे कानूनी राय, अजित बोले- मोदी जैसा कोई नहीं

Webdunia
मंगलवार, 4 जुलाई 2023 (18:48 IST)
Political crisis in Maharashtra: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) अपने भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) के शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने और उनकी (अजित की) ओर से बड़ी संख्या में विधायकों का समर्थन होने का दावा करने के कारण पार्टी में पैदा हुए संकट से निपटने के लिए कानूनी राय ले रहे हैं। दूसरी ओर, अजित ने कहा है कि मोदी जैसा कोई नेता नहीं है। 
 
राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने कहा कि सोमवार रात सतारा से लौटने के बाद शरद पवार मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम से निपटने के मद्देनजर कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानूनी राय लेना जरूरी है, क्योंकि यह मुद्दा संविधान की 10वीं अनुसूची से संबंधित है।
 
संविधान में 10वीं अनुसूची का प्रावधान पद का लालच, भौतिक लाभ या इसी तरह के विचारों से प्रेरित राजनीतिक दलबदल को रोकने के लिए किया गया है। यह दलबदल के आधार पर अयोग्य ठहराए जाने के मुद्दे और सदन के अध्यक्ष की भूमिका से भी संबंधित है।
 
अजित को 13 से ज्यादा विधायकों का समर्थन नहीं : क्रास्टो ने दावा किया कि अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को 13 से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त नहीं है और इस पर दल-बदल रोधी कानून के प्रावधान लागू हो सकते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि कल (बुधवार) दोपहर एक बजे शरद पवार द्वारा बुलाई गई बैठक में पूरी तस्वीर सामने आ जाएगी।
 
अजित पवार खेमे ने राकांपा के 53 में से कम से कम 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। गौरतलब है कि रविवार को अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद जब पत्रकारों ने शरद पवार से पूछा था कि क्या वह कानून का सहारा लेंगे तो उन्होंने कहा था कि वह इस सबमें नहीं पड़ेंगे, बल्कि लोगों के बीच जाएंगे।
 
पवार गुट की याचिका : राकांपा ने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष एक याचिका दायर की है, जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार समेत 9 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है।
 
सोमवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार ने अजित पवार के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के चलते पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और महासचिव सुनील तटकरे को ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों में शामिल होने के लिए पद से हटा दिया था। वहीं, अजित पवार खेमे ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष से जयंत पाटिल और जितेंद्र आव्हाड को सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने की मांग की है।
 
मोदी जैसा कोई नहीं : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसा कोई नेता नहीं है। अजित पवार ने राकांपा के अपने गुट का दक्षिण मुंबई में बने नए कार्यालय का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश उनके (मोदी के) नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। हम उनका समर्थन करने के लिए सरकार में शामिल हुए हैं।
 
उन्होंने कहा कि मोदी का कोई विकल्प नहीं है। अजित ने संकेत दिया कि राज्य में मंत्रियों के विभागों की घोषणा तत्काल नहीं की जाएगी। उन्होंने इस देरी के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नागपुर दौरे को कारण बताया। दोनों नेता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की आगवानी करने वहां जा रहे हैं। 
 
राकांपा विधायकों के मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के कुछ सदस्यों के नाराज होने की खबर के बारे में पूछे जाने पर अजित पवार ने कहा कि हमने मिलकर काम करने का फैसला किया है। असंतोष का कोई सवाल ही नहीं है। (भाषा/वेबदुनिया) 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Online gaming bill : ऑनलाइन गेमिंग बिल लोकसभा में पास, कौनसे गेम गैरकानूनी, पकड़े गए तो 1 करोड़ का जुर्माना और जेल, जानें विधेयक की खास बातें

Pakistan टेंशन में, भारत ने किया Agni 5 का सफल परीक्षण, 5000KM तक करेगी मार

अपनी गुमशुदगी की खुद ही मास्‍टरमाइंड थी अर्चना तिवारी, ऐसे ट्रेन से लापता होने की रची साजिश, 12 दिन बाद सुलझा रहस्‍य

जब पाकिस्तान के वैज्ञानिकों के बालों ने खोला परमाणु कार्यक्रम का राज, जानिए ऑपरेशन कहुटा में भारत की कौनसी चूक पड़ी भारी

Hero की सस्ती बाइक हुई लॉन्च, क्रूज कंट्रोल फीचर, कीमत सुनकर चौंक उठेंगे

सभी देखें

नवीनतम

क्या होती है Z+ सिक्योरिटी, भारत में अभी किन लोगों को मिली है यह सुरक्षा

GST में 12%, 28% स्लैब को खत्म करने की सिफारिश, जनता को मिलेगा बड़ा तोहफा, सस्ती होंगी चीजें, केंद्र का प्रस्ताव GoM ने स्वीकारा

Air India और Air India Express को कितना हुआ घाटा, सरकार ने लोकसभा में जारी किए आंकड़े

संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन क्यों मोदी सरकार लाई पीएम-सीएम के 30 दिन जेल में रहने पर कुर्सी जाने वाला विधेयक?

नहीं रहे दयालु जज फ्रैंक कैप्रियो, सोशल मीडिया पर वायरल हैं दिल छू लेने वाले फैसले

अगला लेख