rashifal-2026

सोनम वांगचुक ने खत्म की भूख हड़ताल, लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए 21 दिनों से बैठे थे

वांगचुक बोले जारी रहेगी लड़ाई

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 26 मार्च 2024 (20:26 IST)
सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) ने 21 दिनों तक चल रही भूख हड़ताल खत्म कर दी है। हड़ताल खत्म करते हुए उन्होंने कहा है कि लड़ाई आगे भी जारी रहने वाली है। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने के लिए सोनम वांगचुक द्वारा भूख हड़ताल की जा रही थी।
ALSO READ: राहुल गांधी के करीबी रवनीत बिट्टू BJP में शामिल, चुनाव से पहले कांग्रेस को फिर बड़ा झटका
वे बिना पानी, खाने के माइनस तापमान में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक भी शामिल हुए थे। वे चाहते थे कि मोदी सरकार अपने वादे को पूरा करे और लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले। 
 
सरकार से हुए नाराज : सोनम वांगचुक ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि सरकार ने अभी तक एक शब्द तक नहीं बोला है, उनकी तरफ से इस मांग को लेकर कुछ भी नहीं कहा जा रहा है।
 
वांगचुकी को पूरी उम्मीद पीएम मोदी से ही है। वांगचुक मानकर चल रहे हैं कि पीएम कुछ न कुछ फैसला जरूर लेंगे। एक जारी बयान में वांगचुक ने कहा है कि हमें ऐसे नेता चाहिए जो ईमानदार हों, दूरदर्शी हों, जिनके पास विजन हो।

वांगचुक 6 मार्च से शून्य से भी नीचे तापमान में ‘जलवायु उपवास’ पर बैठे थे। उससे एक दिन पहले लेह के ‘एपेक्स बॉडी’ और ‘कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस’ (केडीए) के संयुक्त प्रतिनिधियों की केंद्र सरकार के साथ वार्ता में गतिरोध उत्पन्न हो गया था। ये दोनों ही संगठन साथ मिलकर लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में उसे शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
 
कारगिल में केडीए की तीन दिवसीय भूख हड़ताल भी आज शाम समाप्त हो गयी। लेह के ‘एपेक्स बॉडी’ और केडीए बुधवार को भावी कदम की घोषणा करेंगे।
 
इस बीच अभिनेता प्रकाश राज ने वांगचुक से भेंट की और उनके आंदोलन को अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि जब सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती है, तो लोगों के पास संवैधानिक अधिकारों के अनुसार एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करने के सिवा कोई विकल्प नहीं होता है।
 
‘एक्स’ पर एक वीडियो संदेश डालकर वांगचुक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भाजपा द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे की याद दिलायी और कहा कि मोदी तो रामभक्त हैं, इसलिए उन्हें उनकी (राम की) शिक्षा ‘प्राण जाए पर वचन न जाय’ का पालन करना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन पर क्‍यों भड़कीं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता

कोलकाता में रचा इतिहास, 5 लाख लोगों ने किया गीता पाठ, साधु-संत समेत कई भाजपा नेता हुए शामिल

Indigo कर रही 1650 उड़ानों का संचालन, 650 फ्लाइट हुईं रद्द, Airline ने जताई यह उम्‍मीद

Karnataka में सिद्धरमैया या शिवकुमार, कांग्रेस आलाकमान का मंथन, किसके पक्ष में आया फैसला

पुतिन से नहीं मिलवाए जाने पर क्या बोले राहुल गांधी

सभी देखें

नवीनतम

पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी से मैदानी इलाकों में बढ़ेगी ठंड, इन 10 शहरों में घने कोहरे का अलर्ट

चांसलर मैर्त्स की पहली इजराइल यात्रा, क्या है मुख्य एजेंडा?

LIVE: लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा, पीएम मोदी करेंगे शुरुआत

Nashik में बड़ा हादसा, गहरी खाई में गिरी कार, 6 श्रद्धालुओं की मौत

दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन पर क्‍यों भड़कीं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता

अगला लेख