सोनिया गांधी ने चीन हमले में शहीद हुए बिहार रेजीमेंट के सैनिकों को किया याद, केंद्र सरकार पर उठाए सवाल

Webdunia
मंगलवार, 15 जून 2021 (17:38 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत की पहली बरसी पर मंगलवार को कहा कि 1 वर्ष का समय गुजरने के बाद भी इस घटना से जुड़े हालात को लेकर स्पष्टता नहीं है तथा सरकार देश को विश्वास में ले और यह सुनिश्चित करे कि उसके कदम देश के जवानों की प्रतिबद्धता के अनुकूल रहे हैं।

ALSO READ: भारत चीन सीमा विवाद: एक साल बाद क्या है गलवान घाटी की स्थिति
 
सोनिया ने जवानों के बलिदान को याद किया और यह दावा किया कि सैनिकों के पीछे हटाने का जो समझौता चीन के साथ हुआ है, उससे भारत का नुकसान दिखाई पड़ता है। उन्होंने एक बयान में कहा कि 14-15 जून, 2020 की रात को चीन की पीएलए के साथ हुई झड़प को 1 साल पूरा हो गया है। इसमें बिहार रेजीमेंट के हमारे 20 जवानों की जान चली गई थी। कांग्रेस हमारे जवानों के सर्वोच्च बलिदान को याद करने में राष्ट्र के साथ शामिल है।

ALSO READ: गलवान का एक साल: कैसे बिगड़े थे हालात, अब क्या है सीमा पर हाल?
उनके मुताबिक इसका बहुत ही धैर्य का साथ इंतजार किया गया कि सरकार सामने आएगी और देश को उन हालात के बारे में सूचित करेगी जिनमें यह अप्रत्याशित घटना घटी तथा वह लोगों को विश्वास दिलाएगी कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सोनिया ने कहा कि अब कांग्रेस पार्टी अपनी इस चिंता को फिर से प्रकट करती है कि अब तक कोई स्पष्टता नहीं है और इस विषय पर प्रधानमंत्री का आखिरी वक्तव्य पिछले साल आया था कि कोई घुसपैठ नहीं हुई।

ALSO READ: चर्चा में गलवान घाटी, क्या फिर आमने-सामने हुए भारत-चीन के सैनिक?
 
उन्होंने यह भी कहा कि हमने प्रधानमंत्री के बयान के संदर्भ में बार-बार ब्योरा मांगा और अप्रैल, 2020 से पूर्व की यथास्थिति बहाल करने की दिशा में हुई प्रगति का विवरण भी मांगा। चीन के साथ सेनाओं को पीछे हटाने का जो समझौता हुआ है, उससे लगता है कि यह अब तक भारत के लिए पूरी तरह नुकसानदेह रहा है।
 
सोनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आग्रह करती है कि सरकार देश को विश्वास में ले और यह सुनिश्चित करे कि उसके कदम हमारे उन जवानों की प्रतिबद्धता के अनुकूल हैं, जो मुस्तैदी के साथ हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले साल 14-15 जून की दरमियानी रात पीएलए के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गए। बाद में कई खबरों के माध्यम से यह जानकारी सामने आई कि इस झड़प में चीन के भी कई सैनिक मारे गए। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

ऑटो ड्राइवर ने निकाला कमाई का नायाब तरीका, सुनकर उड़ जाएंगे होश, जानिए कितनी होती है इंकम

अब आसानी से मिलेगा तत्काल टिकट, 10 मिनट सिर्फ आधार OTP से कर सकेंगे बुकिंग

Mahua Moitra marries : कौन हैं पिनाकी मिश्र, जिनसे TMC की तेजतर्रार सांसद महुआ मोइत्रा ने की शादी

Russia-Ukraine war : रूस छुपकर हमला करने वाले ड्रोन पर कर रहा काम, जानें कैसे मचाते हैं दुश्मन देश में तबाही

श्रीकांत शिंदे का बड़ा बयान, पाकिस्तान भारत के खिलाफ करता है राहुल के बयानों का इस्तेमाल

सभी देखें

नवीनतम

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 3 अगस्त को एक पाली में होगी NEET PG 2025

चिनाब पुल पर तिरंगा लेकर चले पीएम मोदी, दिखाई दुनिया के सबसे ऊंचे पुल को हरी झंडी

पूछताछ के लिए Aap नेता सत्येन्द्र जैन ACB के समक्ष हुए पेश, स्कूलों के निर्माण में भ्रष्टाचार का है मामला

गौतम गंभीर ने रोड शो पर आयोजकों को लगाई लताड़, कहा 2007 में भी इसके पक्ष में नहीं था

मैंगो मैन ने रखा रक्षामंत्री के नाम पर आम की नई किस्म का नाम राजनाथ आम

अगला लेख