एक तरफ वाघा सीमा पर हाथों में तिरंगा लिए उत्साहित जनसमूह ने बहादुर विंग कमांडर अभिनंदन का भारत वापसी पर स्वागत किया, जबकि दूसरी ओर तिरंगे में लिपटी शहीद स्क्वाड्रन लीडर निनाद मांडवगणे की पार्थिव देह नासिक पहुंची। वहां का माहौल पूरी तरह गमगीन है। शुक्रवार को शहीद निनाद का अंतिम संस्कार पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
जम्मू के वडगाम इलाके में बुधवार सुबह 10 बज कर 10 मिनट पर भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्ट 'एमआई-17' हादसे का शिकार हो गया था और इसमें दो पायलट शहीद हो गए थे। इनमें एक निनाद भी थे। निनाद के परिवार में पत्नी के अलावा दो साल की मासूम बच्ची भी है। देर रात विशेष विमान से उनका पार्थिव शरीर नासिक एयरपोर्ट पहुंचा और शुक्रवार सुबह 8 बजे एयर ऑफिसर कमांडिंग समीर बोराडे ने शव परिजनों को सौंपा।
शहीद निनाद की पत्नी विजेता ने कहा कि मैं एक सैनिक की पत्नी हूं। उन्होंने कहा कि मेरी दो साल की बेटी है, बड़ी होकर अगर वो सेना में जाना चाहेगी तो मैं उसे नहीं रोकूंगी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर राजनीति करते हुए युद्ध करना बहुत आसान है, लेकिन युद्ध आसान नहीं है। इससे होने वाले नुकसान के बारे में एक शहीद का परिवार ही जान सकता है।
कौन हैं निनाद : स्क्वाड्रन लीडर निनाद को 24 दिसंबर 2009 में वायुसेना में कमीशन मिला। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएड निनाद की शुरुआती शिक्षा भौंसले मिलेट्री अकादमी नासिक में हुई। वे HPT 32, Chetak, Mi8 , Mi17, Mi171v और Mi17 v5 हेलीकॉप्टरों में उड़ान भर चुके थे। नक्सल विरोधी अभियान में हिस्सेदारी कर चुके निनाद वर्तमान में जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में पदस्थ थे।
राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी रह चुके निनाद ने विजेता से विवाह किया था और उनकी 2 साल की एक बेटी है। 27 फरवरी 2019 को स्क्वाड्रन लीडर निनाद ने देश के अपने जान कुर्बान कर दी।