नई दिल्ली। प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में कर्मचारी संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते सोमवार और मंगलवार को देशभर में बैकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हड़ताल के कारण जमा और निकासी, चेक क्लीयरेंस और ऋण स्वीकृति जैसी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
9 यूनियनों के सम्मिलित संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन ने एक बयान में दावा किया है कि बैंकों के लगभग 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में भाग लेंगे। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सहित कई सरकारी बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित किया है कि यदि हड़ताल होती है, तो उनका सामान्य कामकाज शाखाओं और कार्यालयों में प्रभावित हो सकता है।
बैंकों ने यह भी बताया कि वे बैंक शाखाओं और कार्यालयों के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं।पिछले महीने पेश किए गए केंद्रीय बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि 4, 9 और 10 मार्च को अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के साथ हुई बैठकें बेनतीजा रहीं, अत: हड़ताल होगी।
यूएफबीयू के सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक इम्प्लॉइज (एनसीबीई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक इम्प्लॉइज कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईसीआई) आदि शामिल हैं।
इंडियन नेशनल बैंक एम्पलाईज फेडरेशन (आईएनबीईएफ), इंडियन नेशनल बैंक ऑफीसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी), नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) और नेशन आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफीसर्स (एनओबीओ) भी हड़ताल में शामिल हैं।(भाषा)