दिल्ली में भारी बारिश के बाद होने वाले हालात को लेकर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने चिंता व्यक्त की। साथ ही ट्रैफिक जाम की समस्या को भी गंभीर बताया। उन्होंने यहां तक कहा कि दो घंटे की बारिश में ही दिल्ली को लकवा मार जाता है। सीजेआई की ये टिप्पणी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। इसे लेकर अब तमाम तरह की बहस चलने लगी है। उन्होंने टिप्पणी की है कि लोगों को एक छोर से दूसरे छोर पहुंचने में 12 घंटे लग जाते है, ऐसे में लोग टोल क्यों दे।
बता दें कि चीफ जस्टिस बीआर गवई ने सोमवार को दिल्ली में बारिश के बाद होने वाली बदहाल स्थिति पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की। चीफ जस्टिस ने कहा कि दिल्ली में आप जानते हैं कि क्या होता है, अगर दो घंटे बारिश हो जाए तो पूरा शहर लकवाग्रस्त हो जाता है। NHAI की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने यह टिप्पणी की है। केरल हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ NHAI याचिका दाखिल की गई है।
ट्रैफिक प्रॉब्लम एक गंभीर समस्या : सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने ट्रैफिक की समस्या को भी गंभीर बताया। SC ने केरल के एक हाइवे पर 12 घंटे जाम पर सवाल उठाया। SC ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को सड़क से एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने में 12 घंटे लगते है तो वो टोल क्यों दे।
SC ने फैसला रखा सुरक्षित: एनएचएआई की याचिका पर SC ने फैसला सुरक्षित रखा है। सोमवार को इस मामले में चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने सुनवाई की। पीठ ने पिछले हफ्ते हाइवे पर 12 घंटे से ज्यादा समय तक लगे ट्रैफिक जाम का बार-बार जिक्र किया।
टोल लेते हो, सेवाएं कहां है : NHAI से चीफ जस्टिस ने कहा था कि लोगों से आप टोल लेते हैं, मगर सेवाएं नहीं देते हैं। बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सड़क निर्माण पूरा होने से पहले टोल लेने पर एनएचएआई को फटकार भी लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि जब सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ और हालत खराब है तो टोल क्यों वसूला जा रहा है। वहीं NHAI की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। तुषार मेहता ने कोर्ट की टिप्पणी पर कहा कि हाइवे पर 12 घंटे जाम इसलिए लगा, क्योंकि वहां लॉरी पलट गई थी। मेहता की इस टिप्पणी पर पीठ ने कहा कि लॉरी अपने आप नहीं पलटी, गड्ढे की वजह से वो पलट गई थी।
Edited By: Navin Rangiyal