वैज्ञानिकों ने खोजा अपशिष्ट ताप से बिजली बनाने के लिए नया मैटेरियल

Webdunia
गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021 (12:32 IST)
नई दिल्ली, भारतीय वैज्ञानिकों ने सीसा रहित एक ऐसे मैटेरियल का पता लगाया है, जो अपशिष्ट ताप को बिजली में रूपांतरित करने में उपयोगी हो सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तरह उत्पादित बिजली का उपयोग छोटे घरेलू उपकरणों और ऑटोमोबाइल्स के संचालन में हो सकता है।

जब किसी मैटेरियल का एक छोर उसके दूसरे छोर को ठंडा रखते हुए गरम किया जाता है, तो थर्मोइलेक्ट्रिक ऊर्जा रूपांतरण से विद्युत वोल्टेज उत्पादन हो सकता है। हालांकि, इस वैज्ञानिक सिद्धांत को अमल में लाने के लिए प्रभावी मैटेरियल खोजना काफी चुनौतीपूर्ण माना जाता है।

यह सिद्धांत एक ही मैटेरियल में तीन अलग-अलग गुणों की मौजूदगी की अपेक्षा करता है, जिसमें धातुओं की उच्च विद्युत चालकता, सेमीकंडक्टर्स की उच्च थर्मोइलेक्ट्रिक संवेदनशीलता, और कांच की कम तापीय चालकता शामिल हैं।

वैज्ञानिकों द्वारा अब तक विकसित किए गए अधिकतर थर्मोइलेक्ट्रिक मैटेरियल्स के प्रमुख घटक के रूप में सीसा (लैड) का उपयोग होता रहा है, जो व्यापक अनुप्रयोगों में ऐसे मैटेरियल्स के उपयोग को बाधित करता है। वैज्ञानिकों द्वारा पहचाना गया यह मैटेरियल कैडिमियम डोपित सिल्वर एंटिमॉनी टेल्यूराइड (AgSbTe2) है, जो अपशिष्ट ताप से बिजली प्राप्त करने में प्रभावी पाया गया है। वैज्ञानिक इस उपलब्धि को तापविद्युत से संबंधित पहेली में नये प्रतिमान के रूप में देख रहे हैं।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से संबद्ध बेंगलुरु स्थित जवाहरलाल नेहरु उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केन्द्र (जे.एन.सी.ए.एस.आर.) के वैज्ञानिक प्रोफेसर कनिष्क बिस्वास के नेतृत्व में यह अध्ययन किया गया है। यह अध्ययन शोध पत्रिका साइंस में प्रकाशित किया गया है।

प्रोफेसर बिस्वास और उनकी टीम ने कैडमियम के साथ सिल्वर एंटिमॉनी टेल्यूराइड डोपित किया है, और नैनोमीटर स्केल पर परमाणुओं के क्रम का पता लगाने के लिए एक उन्नत इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी तकनीक का इस्तेमाल किया है।

नैनोमीटर स्तर पर आकर परमाणुओं का अनुक्रम, किसी ठोस पदार्थ में ऊष्मा संचित करने के जिम्मेदार फोनन को छितरा देता है। फोनन, एक नियत समय में, सघन पदार्थों में परमाणुओं या अणुओं की लोचदार व्यवस्था, जिसमें विशेष रूप से ठोस और कुछ तरल पदार्थ शामिल हैं, में घटित होने वाला एक सामूहिक विक्षोभ है। फोनोन किसी ठोस पदार्थ में ऊष्मा को थामकर रखता है, और मैटेरियल में इलेक्ट्रॉनिक स्थिति से अलग करके विद्युत प्रवाह को बढ़ाता है।

यह अध्ययन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा दी जाने वाली स्वर्णजयंती फेलोशिप और साइंस ऐंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एसईआरबी) के अनुदान पर आधारित है। (इंडिया साइंस वायर)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

48MP का AI कैमरे के साथ iPhone 16e को टक्कर देने आया Google का सस्ता स्मार्टफोन

Toll Tax को लेकर नितिन गडकरी ने दी Good News, बताया क्या है अगला प्लान

CM ने नागपुर हिंसा का ठीकरा फिल्म छावा पर फोड़ा, शिवसेना के मुखपत्र सामना में दावा

दिशा सालियान मौत की खुली फाइल, आदित्‍य ठाकरे क्‍यों हुए बेचैन, क्‍या एफआईआर होगी?

राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश में भी उठी कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसने की मांग

सभी देखें

नवीनतम

जज यशवंत वर्मा के तबादले पर वकीलों ने उठाया सवाल, कहा- गंभीर मामला, इस्तीफा लेना चाहिए

मनजिंदर सिरसा ने की CTI अधिकारियों से मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर हुई बात...

मध्‍यप्रदेश के चंबल क्षेत्र में विकास की बहार, CM यादव ने किया 1 हजार करोड़ की औद्योगिक इकाई का भूमि पूजन

त्रि-भाषा फॉर्मूले को लेकर बढ़ा विवाद, तमिलनाडु के सांसदों ने लगाया यह आरोप

नई लाशें बिछाने के लिए गड़े मुर्दे उखाड़ दिए, संजय राउत का भाजपा पर निशाना

अगला लेख