विदेश मंत्रालय (MEA) ने गुरुवार को बताया कि अमेरिका ने ईरान के चाबहार बंदरगाह पर अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत को छूट दी है। यह छूट 6 महीने के लिए है। कुछ घंटों पहले ही ट्रंप ने चीन के साथ कई समझौते किए हैं और बीजिंग पर लगा टैरिफ भी 10 प्रतिशत कम कर दिया है। भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि व्यापार समझौता संपन्न करने के लिए अमेरिकी पक्ष के साथ बातचीत जारी हैं और ये चर्चाएं जारी रहेंगी।
 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	
									
										
								
																	
	जायसवाल ने कहा कि जहां तक अमेरिका के द्वारा रूस की कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंध की बात है, इससे हम पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं। ईंधन खरीदने का फैसला हमारे 140 करोड़ लोगों की जरूरतों को देखते हुए लिया जाता है।
	 
	अमेरिका से भारतीयों को वापस भेजे जाने की खबरों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि इस साल जनवरी से अब तक 2790 से अधिक भारतीय नागरिक ऐसे हैं जो मानदंडों को पूरा नहीं करते थे। वे अवैध रूप से वहां रह रहे थे और हमने उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की और वे वापस लौट आए। यह कल तक की स्थिति है। ब्रिटेन की ओर से इस साल लगभग 100 भारतीय नागरिकों को उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि के बाद वापस भेजा गया है।
								
								
								
										
			        							
								
																	
									
			                     
							
							
			        							
								
																	
	क्यों खास है चाबहार बंदरगाह 
	भारत ने 2023 में चाबहार बंदरगाह का उपयोग अफगानिस्तान को 20,000 टन गेहूं की सहायता भेजने के लिए किया था। इसके पहले 2021 में इसके जरिए ईरान को पर्यावरण के अनुकूल कीटनाशकों की आपूर्ति भी की गई थी। चाबहार बंदरगाह और ग्वादर के बीच समुद्र के रास्ते सिर्फ 100 किलोमीटर की दूरी है। इसे आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) से जोड़ने की योजना है। 7200 किलोमीटर लंबा ये गलियारा भारत को ईरान, अजरबैजान के रास्ते होते हुए रूस के सेंट पीटर्सबर्ग से जोड़ेगा।