देहरादून। उत्तराखंड में भाजपा को जीत दिलाने वाले पुष्कर सिंह धामी बुधवार को लगातार दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा सहित कई अन्य केंद्रीय नेता मौजूद रहेंगे।
उत्तराखंड प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि नई सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम देहरादून स्थित परेड ग्राउंड में 23 मार्च को अपराह्न ढाई बजे होगा। समारोह में उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के भी शामिल होने की संभावना है।
चौहान ने कहा कि प्रदेश में मिथक को तोड़ते हुए जनता ने भाजपा को ऐतिहासिक जनादेश दिया है, इसलिए नयी सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम भी ऐतिहासिक, भव्य और दिव्य होगा जिसके लिए जोरों पर तैयारियां की जा रही हैं।
हाल ही में घोषित विधानसभा चुनाव परिणाम में भाजपा ने 70 में से 47 सीट पर जीत हासिल किया और दो-तिहाई से अधिक बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता में आई।
हालांकि विधानसभा चुनाव में भाजपा की अगुवाई करने वाले धामी स्वयं अपनी परंपरागत खटीमा सीट से हार गए। इस कारण नेतृत्व को मुख्यमंत्री के नाम पर नए सिरे से मंथन करना पड़ा जिसमें लगभग 11 दिन का वक्त लग गया।
इससे पहले सोमवार शाम यहां बलबीर रोड स्थित पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में पर्यवेक्षक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा सह पर्यवेक्षक एवं विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी की मौजूदगी में भाजपा विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में धामी को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया।
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद धामी राजभवन गए, जहां उन्होंने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह से मिलकर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया।
इस बीच धामी मंत्रिमंडल के स्वरूप को लेकर जारी कयासों के बीच उसमें जगह पाने के लिए नवनिर्वाचित विधायकों ने अपने पक्ष में लामबंदी शुरू कर दी है। उत्तराखंड के मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 सदस्य हो सकते हैं। मंत्रिमंडल के गठन को लेकर धामी और शीर्ष प्रदेश नेताओं का केंद्रीय नेताओं के साथ लगातार मंथन जारी है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि नया धामी मंत्रिमंडल नए और पुराने चेहरों का सम्मिश्रण होगा। पिछले मंत्रिमंडल में शामिल रहे हरक सिंह रावत और यशपाल आर्य के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का दामन थामने, जबकि एक अन्य मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के चुनाव हार जाने से यह निश्चित है कि इनकी जगह तीन नए विधायकों को मौका मिलेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र और सितारगंज से विधायक सौरभ बहुगुणा, पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की पुत्री और कोटद्वार से विधायक ऋतु खंडूरी भूषण और लगातार तीसरी बार सीट जीतने में सफल रहे दिलीप सिंह रावत के नाम मंत्रि पद के संभावित दावेदारों में शामिल किए जा रहे हैं।
दिलीप सिंह रावत ने हरक सिंह की पुत्रवधु अनुकृति को लैंसडौन से हराया है। सूत्रों के अनुसार पुराने चेहरों में सतपाल महाराज, धनसिंह रावत, रेखा आर्य और अरविंद पाण्डेय को दोबारा दायित्व दिया जा सकता है।