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लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने के लिए लेह में Zen-Z सड़क पर, हिंसक झड़पों में 4 की मौत, कई घायल, भाजपा कार्यालय जलाया

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 24 सितम्बर 2025 (14:10 IST)
Violent protests in Leh: केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए लेह में जेन-जी (Zen-Z) पीढ़ी ने सड़कों पर उतरकर हिंसक प्रदर्शन किया। छात्रों ने भाजपा कार्यालय और अन्य सरकारी दफ्तरों को भी आग लगा दी। अधिकारियों ने बताया कि लेह की झड़पों में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। 
 
प्रदर्शनकारियों का मानना है कि इससे क्षेत्र के लोगों को अपनी राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था को नियंत्रित करने का अधिकार मिलेगा। वर्तमान में, लद्दाख का शासन सीधे केंद्र सरकार के अधीन है। स्थानीय लोगों को लगता है कि इससे उनकी आवाज और जरूरतों को अनदेखा किया जा रहा है।
 
क्यों नाराज हैं लेह में छात्र : प्रदर्शनकारी छात्रों का मानना है कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद, लद्दाख के लोगों को सरकारी नौकरियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। वे चाहते हैं कि स्थानीय युवाओं के लिए नौकरियों में आरक्षण सुनिश्चित किया जाए। उन्हें डर है कि बाहरी लोगों की बढ़ती घुसपैठ से लद्दाख की नाजुक पारिस्थितिकी और भूमि पर दबाव पड़ेगा। छठी अनुसूची के तहत, वे अपनी भूमि और पर्यावरण को बाहरी हस्तक्षेप से बचा पाएंगे।
भाजपा कार्यालय जलाया : लद्दाख को पूर्ण राज्य की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन का नेतृत्व सोनम वांगचुक कर रहे हैं। लेह में प्रदर्शनकारियों ने भाजपा दफ्तर में घुसने की कोशिश की। इसके बाद हिंसक प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने लेह में BJP कार्यालय में आग लगा दी। लद्दाख में लोग कई दिन से मोदी सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठियां बरसाईं। इसके बाद प्रदर्शन और उग्र हो गया। 

बौद्ध और मुस्लिम साथ-साथ : लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर बौद्ध और मुस्लिम दोनों एक साथ आ गए हैं। कारगिल का इलाका जहां शिया मुस्लिम बहुल है, वहीं लेह में बौद्धों की संख्या ज्यादा है। उन्होंने राज्य का दर्जा देने के लिए लेह कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस नाम से एक संगठन भी बना लिया है। 
 
क्या है छठी अनुसूची : छात्रों की मांग है कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए। यह अनुसूची भारत के कुछ आदिवासी क्षेत्रों को स्वायत्तता और विशेष अधिकार देती है। इस अनुसूची के तहत, लद्दाख को अपनी जमीन, संस्कृति और पहचान की रक्षा करने के लिए विशेष शक्तियां मिलेंगी। इससे स्थानीय आबादी, विशेषकर आदिवासी समुदायों, को अपनी जमीन और प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद मिलेगी।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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