गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या वर्तमान में भी वही है, जो बतौर सांसद हुआ करती थी। योगी अपने कमरे से सुबह पांच बजे निकलकर सीधे गुरु गोरक्षनाथ के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गुरु गोरक्षनाथ की पूजा अर्चना की। इसके बाद वहां स्थित शिव मंदिर में मंत्रोच्चार के बीच रुद्राभिषेक किया।
योगी रुद्राभिषेक के बाद मुख्य मंदिर की परिक्रमा की। उसके बाद हनुमान मंदिर पहुंचकर दर्शन किया और वहां स्थित नाथ संप्रदाय की समाधिस्थल पर पुष्प अर्पित किए। वहां से योगी गौशाला पहुंचकर राधा, कान्हा, गौरी, श्यामा, गंगा समेत गायों का नाम लेकर अपने पास बुलाया। गायें भी उनकी एक आवाज सुनकर वहां पहुंची।
उन्होंने गायों और बछड़ों को प्यार से सहलाया। गायों ने उनके दुलार में अपनी सहमति दर्शाते हुए गर्दन को ऊपर नीचे किया। योगी ने उन्हें दुलारा और अपने हाथों से अन्न, गुड़ और चारा आदि खिलाया।
गोरक्षनाथ मंदिर के वह तमाम जानवर, जिन्हें योगी आदित्यनाथ बहुत दुलार करते हैं, खुद को अकेला महसूस करने लगे हैं। मुख्यमंत्री का दुलारा लेब्राडोर नस्ल का कालू उन्हें देखते लिपट गया और मानो पूछ रहा था कि हमें छोड़कर कहां चले गए। कालू योगी को लंबे समय बाद अपने पास पाकर उछल-उछलकर अपने खुशी का मानो इजहार कर रहा हो। योगी ने भी कालू को बहुत प्यार और दुलार करते हुए उसे अपने हाथों से खाना खिलाया।
गोरखनाथ मंदिर परिसर में कालू को देख योगी के चेहरे की मुस्कान बता रही थी कि उन्हें भी कालू से मिलकर उतनी ही खुशी है जितनी कालू को। योगी आदित्यनाथ और कालू के प्यार का करीब 10 मिनट तक वहां उपस्थित हजारों लोगों नजारा देखा। (वार्ता)