आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पर जानिए राशि अनुसार कौन सा फूल शुभ है आपके लिए...

Webdunia
आषाढ़ और माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं। इस वर्ष यह पर्व 11 जुलाई 2021 रविवार से आषाढ़ शुक्र प्रतिपदा से गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ हो रहा है जो आषाढ़ शुक्ल नवमी अर्थात 18 जुलाई 2021 रविवार तक रहेगा।
 
1. आषाढ़ माह में विशेष दिनों में व्रत करने का बहुत ही महत्व होता है। क्योंकि आषाढ़ माह में देव सो जाते हैं, इसी माह में गुप्त नवरात्रि के व्रत प्रारंभ होते हैं और इसी माह से चातुर्मास भी प्रारंभ हो जाता है। इस माह में योगिनी एकादशी और देवशनी एकादशी का प्रमुख व्रत होता है।
 
2. गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा होती है जिनके नाम है- 1.काली, 2.तारा, 3.त्रिपुरसुंदरी, 4.भुवनेश्वरी, 5.छिन्नमस्ता, 6.त्रिपुरभैरवी, 7.धूमावती, 8.बगलामुखी, 9.मातंगी और 10.कमला। उक्त दस महाविद्याओं का संबंध अलग अलग देवियों से हैं।
 
3. प्रवृति के अनुसार दस महाविद्या के तीन समूह हैं। पहला:- सौम्य कोटि (त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, मातंगी, कमला), दूसरा:- उग्र कोटि (काली, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी), तीसरा:- सौम्य-उग्र कोटि (तारा और त्रिपुर भैरवी)।
 
मां दुर्गा की आराधना में सभी राशियों के लिए कमल, गुडहल, गुलाब, एवं कनेर प्रजातियों के सभी पुष्प शुभ माने गए हैं। इन पुष्पों के द्वारा का पूजन करने से देवी मां को प्रसन्न किया जा सकता है। 
 
आइए जानते हैं राशि अनुसार कौन सा फूल शुभ है आपके लिए...
 
मेष राशि- गुड़हल, गुलाब, लाल कनेर, लाल कमल अथवा किसी भी तरह के लाल पुष्प हों उससे पूजा करके मां भगवती को प्रसन्न कर मंगल जनित दोषों के कुप्रभाव से बचा जा सकता है।
 
वृष राशि- श्वेत कमल, गुडहल, श्वेत कनेर, सदाबहार, बेला, हरसिंगार आदि जितने भी श्वेत प्रजाति के पुष्प हैं उनसे मां की आराधना कर प्रसन्न किया जा सकता है ऐसा कर पाने से शुक्र की शुभता में वृद्धि होगी।
 
मिथुन राशि- मां की पूजा पीला कनेर, गुडहल, द्रोणपुष्पी, गेंदा और केवड़ा पुष्प से माँ की आराधना करके अभीष्ट कार्य सिद्ध भी कर सकते हैं और बुध की कृपा भी प्राप्त होगी।
 
कर्क राशि- श्वेत कमल, श्वेत कनेर, गेंदा, गुडहल, सदाबहार, चमेली, रातरानी और अन्य जितने भी प्रकार के श्वेत और गुलाबी पुष्प हैं उन्हीं से मां की आराधना करके प्रसन्न करके चन्द्र जनित दोषों से मुक्त हुआ जा सकता है।
 
सिंह राशि- किसी भी तरह के पुष्प से कमल, गुलाब, कनेर, गुड़हल से मां की पूजा करके कृपा पा सकते हैं, गुड़हल का पुष्प सूर्य और मां दुर्गा को अति प्रिय है।
 
कन्या राशि- गुड़हल, गुलाब, गेंदा, हरसिंगार एवं किसी भी तरह के अति सुगंधित पुष्पों से मां दुर्गा की आराधना करके अपने मनोरथ पूर्ण करके बुध के साथ-साथ अन्य ग्रहों की अनुकूलता भी पा सकते हैं।
 
तुला राशि- श्वेत कमल श्वेत, कनेर, गेंदा, गुड़हल, जूही, हरसिंगार, सदाबहार, केवड़ा,बेला चमेली आधी पुष्पों से मां भगवती की आराधना करके उनकी अनुकूलता और शुक्र की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
 
वृश्चिक राशि- किसी भी प्रजाति के लाल पुष्प, पीले पुष्प, एवं गुलाबी पुष्प से पूजा करके मां दुर्गा की कृपा प्राप्त की जा सकती है लाल कमल से पूजा कर पाएं तो घर परिवार में समृद्धि तो बढ़ेगी ही मंगल की कृपा भी प्राप्त होगी।
 
धनु राशि- कमल पुष्प, कनेर, गुड़हल, गुलाब, गेंदा, केवडा, और कनेर की सभी प्रजातियां के पुष्पों से मां का पूजन-अर्चन करने से मां का आशीर्वाद एवं बृहस्पति की कृपा मिल सकती है। अधिक शुभता प्राप्त की जा सकती है।
 
मकर राशि- नीले पुष्प, कमल, गेंदा, गुलाब, गुड़हल आदि से माँ शक्ति की पूजा-आराधना करके माँ की कृपादृष्टि मिलेगी। शनिजनित दुष्प्रभावों से बचते हुए कामयाबी हासिल की जा सकती है।
 
कुंभ राशि- नीले पुष्प, गेंदा, सभी प्रकार के कमल, गुड़हल, बेला, चमेली, रातरानी, आदि से मां भगवती की आराधना कर उनकी कृपा पा सकते हैं। शनिग्रह के दोष से मुक्त होते हुए मनोरथ भी पूर्ण किए जा सकते हैं।
 
मीन राशि- पीले कनेर की सभी प्रजातियां, सभी प्रकार के कमल, गेंदा, गुलाब, गुड़हल की सभी प्रजातियों से पूजा करके मां की कृपा प्राप्त करते हुए बृहस्पति जन्य दोषों से भी मुक्त हुआ जा सकता है।
 
नौ दिन माता भगवती को अपराजिता का फूल अर्पित कर बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करें।
ALSO READ: 11 जुलाई 2021 से आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि प्रारंभ होगी, जानिए पूजा विधि
 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

shradh paksh 2025: गयाजी के आलावा इन जगहों पर भी होता है पिंडदान, जानिए कौन से हैं ये स्थान जहां होता है तर्पण

पूर्वजों को श्रद्धा सुमन अर्पण का महापर्व श्राद्ध पक्ष

September 2025 Weekly Horoscope: इस हफ्ते आपके सितारे क्या कहते हैं?

Chandra Grahan 2025: पितृपक्ष में पूर्णिमा के श्राद्ध पर चंद्र ग्रहण का साया, श्राद्ध कर्म करें या नहीं, करें तो कब करें?

Shradh paksh 2025: श्राद्ध के 15 दिनों में करें ये काम, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति

सभी देखें

धर्म संसार

12 September Birthday: आपको 12 सितंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 12 सितंबर, 2025: शुक्रवार का पंचांग और शुभ समय

Sharadiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि में प्रारंभ हो गई है गरबा प्रैक्टिस, जानिए गरबा उत्सव के नियम

Shradha Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष के बाद इन 96 दिनों में कर सकते हैं श्राद्ध कर्म

shraddha Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष में सप्तमी तिथि का श्राद्ध कैसे करें, जानिए कुतुप काल मुहूर्त और सावधानियां

अगला लेख