अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन कर रहे हैं तो यह 9 बातें अवश्य पढ़ लें... माता रानी हो जाएंगी खुश

Webdunia
नवरात्रि की अष्टमी और नवमी के दिन 2 से लेकर 5 वर्ष तक की नन्ही कन्याओं के पूजन का विशेष महत्व है। इन नन्ही कन्याओं को सुंदर गिफ्ट्स देकर इनका दिल जीता जा सकता है। इनके माध्यम से नवदुर्गा को भी प्रसन्न किया जा सकता है। पुराणों की दृष्टि से कन्याओं को एक विशेष प्रकार की भेंट देना शुभ होता है। 
 
* फूल 
कन्याओं को फूल की भेंट देना शुभ होता है। साथ में कोई एक श्रृंगार सामग्री अवश्य दें। अगर आप मां सरस्वती को प्रसन्न करना चाहते है तो श्वेत फूल अर्पित करें। अगर आपके दिल में कोई भौतिक कामना है तो लाल पुष्प देकर इन्हें खुश करें। (उदाहरण के लिए : गुलाब, चंपा, मोगरा,गेंदा, गुड़हल) 
 
* फल  
 फल देकर कन्याओं का पूजन करें। यह फल भी सांसारिक कामना के लिए लाल अथवा पीला और वैराग्य की प्राप्ति के लिए केला या श्रीफल हो सकता है। याद रखें कि फल खट्टे ना हो। 
 
* मिठाई 
मिठाई का भी महत्व होता है। अगर हाथ की बनी खीर, हलवा या केशरिया चावल बना कर खिलाया जाए तो देवी प्रसन्न होती है। 
 
*वस्त्र 
इन्हें वस्त्र देने का महत्व है जैसे फ्रॉक आदि लेकिन सामर्थ्य अनुसार रूमाल या रंगबिरंगे रिबन दिए जा सकते हैं। 
 
* श्रृंगार सामग्री
 देवी से सौभाग्य और संतान प्राप्ति की मनोकामना की जाती है। अत: कन्याओं को पांच प्रकार की श्रृंगार सामग्री देना अत्यंत शुभ होता है। इनमें बिंदिया, चूड़ी, मेहंदी, बालों के लिए क्लिप्स, सुगंधित साबुन, काजल, नेलपॉलिश, टैल्कम पावडर इत्यादि हो सकते हैं। 
 
* खेल-सामग्री
बच्चियों को खेल-सामग्री देना चाहिए। आजकल बाजार में खेल सामग्री की अनेक किस्में उपलब्ध है। पहले यह रिवाज पांचे, रस्सी और छोटे-मोटे खिलौनों तक सीमित था। अब तो ढेर सारे विकल्प मौजूद है। 
 
* शिक्षण सामग्री
कन्याओं को शिक्षण सामग्री दी जानी चाहिए। आजकल बाजार में विभिन्न प्रकार के पेन, पेंसिल, कॉपी, ड्रॉईंग बुक्स, कंपास, वाटर बॉटल, लंच बॉक्स उपलब्ध है। 
 
* दक्षिणा
नवरात्रि की अष्टमी सबसे पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन अगर कन्या का अपने हाथों से श्रृंगार किया जाए तो देवी विशेष आशीर्वाद देती है। कन्या के दूध से पैर पूजने चाहिए। पैरों पर अक्षत, फूल और कुंकुम लगाना चाहिए। कन्या को भोजन कराना चाहिए और यथासामर्थ्य कोई भी भेंट देनी चाहिए। कन्या-पूजन में दक्षिणा अवश्य दें। 
 
* भोजन प्रसादी 
नवदुर्गा के अंतिम दिन खीर,ग्वारफली की सब्जी और दूध में गूंथी पूरियां कन्या को खिलानी चाहिए। उसके पैरों में महावर और हाथों में मेहंदी लगाने से देवी पूजा संपूर्ण होती है।

अगर आपने घर पर हवन का आयोजन किया है तो उनके नन्हे हाथों से उसमें समिधा अवश्य डलवाएं। उसे इलायची और पान का सेवन कराएं। इस परंपरा के पीछे मान्यता है कि देवी जब अपने लोक जाती है तो उसे घर की कन्या की तरह ही बिदा किया जाना चाहिए।

अगर सामर्थ्य हो तो नौवें दिन लाल चुनर कन्याओं को भेंट में दें। उन्हें दुर्गा चालीसा की छोटी पुस्तकें भेंट करें। गरबा के डांडिया और चनिया-चोली भी दिए जा सकते हैं। बालिकाओं से घर में गरबे करवाने से भी देवी प्रसन्न होती है। 
 
इन सारी रीतियों के अनुसार पूजन करने से देवी प्रसन्न होकर वर्ष भर के लिए सुख, समृद्धि, यश, वैभव, कीर्ति और सौभाग्य का वरदान देती है।

ALSO READ: नौ कन्या पूजने के बाद भी नहीं मिलेगा पुण्य....अगर नहीं किया इसमें शामिल इन्हें...

ALSO READ: नवरात्रि में यह 9 खास बातें रखेंगे याद, तो मां दुर्गा प्रसन्न हो कर देंगी खूब आशीर्वाद

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Bhagwat katha benefits: भागवत कथा सुनने से मिलते हैं 10 लाभ

Vaishakha amavasya : वैशाख अमावस्या पर स्नान और पूजा के शुभ मुहूर्त

Dhan yog in Kundali : धन योग क्या है, करोड़पति से कम नहीं होता जातक, किस्मत देती है हर जगह साथ

Akshaya tritiya 2024 : 23 साल बाद अक्षय तृतीया पर इस बार क्यों नहीं होंगे विवाह?

Varuthini ekadashi: वरुथिनी एकादशी का व्रत तोड़ने का समय क्या है?

Guru asta 2024 : गुरु हो रहा है अस्त, 4 राशियों के पर्स में नहीं रहेगा पैसा, कर्ज की आ सकती है नौबत

Nautapa 2024 date: कब से लगने वाला है नौतपा, बारिश अच्‍छी होगी या नहीं?

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया की पौराणिक कथा

कालाष्टमी 2024: कैसे करें वैशाख अष्टमी पर कालभैरव का पूजन, जानें विधि और शुभ समय

Aaj Ka Rashifal: राशिफल 01 मई: 12 राशियों के लिए क्या लेकर आया है माह का पहला दिन

अगला लेख