navratri : माता की सवारी सिंह और शेर, जानिए चौंकाने वाली जानकारी

अनिरुद्ध जोशी
हिन्दू धर्म में माता रानी का देवियों में सर्वोच्च स्थान है। उन्हें अम्बे, जगदम्बे, शेरावाली, पहाड़ावाली आदि नामों से पुकारा जाता है। संपूर्ण भारत भूमि पर उनके सैंकड़ों मंदिर है। ज्योतिर्लिंग से ज्यादा शक्तिपीठ है। सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती ये त्रिदेव की पत्नियां हैं। इनकी कथा के बारे में पुराणों में भिन्न भिन्न जानकारियां मिलती है। पुराणों में देवी पुराण देवी में देवी के रहस्य के बारे में खुलासा होता है।
 
 
प्रत्येक देवी का वाहन अलग-अलग है। देवी दुर्गा सिंह पर सवार हैं तो माता पार्वती शेर पर। पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का नाम स्कंद भी है इसीलिए वे स्कंद की माता कहलाती हैं उन्हें सिंह पर सवार दिखाया गया है। कात्यायनी देवी को भी सिंह पर सवार दिखाया गया है। देवी कुष्मांडा शेर पर सवार है। माता चंद्रघंटा भी शेर पर सवार है। जिनकी प्रतिपद और जिनकी अष्टमी को पूजा होती है वे शैलपुत्री और महागौरी वृषभ पर सवारी करती है। माता कालरात्रि की सवारी गधा है तो सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान है।
 
 
एक कथा अनुसार श‌िव को पत‌ि रूप में पाने के ल‌िए देवी पार्वती ने कई वर्षों तक तपस्या की। तपस्या से देवी सांवली हो गई। भगवान श‌िव से व‌िवाह के बाद एक द‌िन जब श‌िव पार्वती साथ बैठे थे तब भगवान श‌िव ने पार्वती से मजाक करते हुए काली कह द‌िया। देवी पार्वती को श‌िव की यह बात चुभ गई और कैलाश छोड़कर वापस तपस्या करने में लीन हो गई। इस बीच एक भूखा शेर देवी को खाने की इच्छा से वहां पहुंचा। ले‌क‌िन तपस्या में लीन देवी को देखकर वह चुपचाप बैठ गया।
 
 
शेर सोचने लगा क‌ि देवी कब तपस्या से उठे और वह उन्हें अपना आहार बना ले। इस बीच कई साल बीत गए लेक‌िन शेर अपनी जगह डटा रहा। इस बीच देवी पार्वती की तपस्या पूरी होने पर भगवान श‌िव प्रकट हुए और पार्वती गौरवर्ण यानी गोरी होने का वरदान द‌िया।

इसके बाद देवी पार्वती ने गंगा स्नान क‌िया और उनके शरीर से एक सांवली देवी प्रकट हुई जो कौश‌िकी कहलायी और गौरवर्ण हो जाने के कारण देवी पार्वती गौरी कहलाने लगी। देवी पार्वती ने उस स‌िंह को अपना वाहन बना ल‌िया जो उन्हें खाने के ल‌िए बैठा था। इसका कारण यह था क‌ि स‌िंह ने देवी को खाने की प्रत‌िक्षा में उन पर नजर ट‌िकाए रखकर वर्षो तक उनका ध्यान क‌िया था। देवी ने इसे स‌िंह की तपस्या मान ल‌िया और अपनी सेवा में ले ल‌िया। इसल‌िए देवी पार्वती के स‌िंह और वृष दोनों वाहन माने जाते हैं।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Saat phere: हिंदू धर्म में सात फेरों का क्या है महत्व, 8 या 9 फेरे क्यों नहीं?

Shiv Chaturdashi: शिव चतुर्दशी व्रत आज, जानें महत्व, पूजा विधि और मंत्र

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेगा करियर, संपत्ति, व्यापार में लाभ, जानें 06 मई का राशिफल

06 मई 2024 : आपका जन्मदिन

06 मई 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Forecast May 2024 : नए सप्ताह का राशिफल, जानें किन राशियों की चमकेगी किस्मत (06 से 12 मई तक)

अगला लेख