Dharma Sangrah

नवरात्रि का 7वां दिन, कैसे करें मां सरस्वती का आह्वान? पढ़ें ये विशेष मंत्र, करें यह उपाय

Webdunia
नवरात्रि में जैसे द्वितीय नवरात्रि के दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से राहु के अशुभ फल दूर होते हैं। उसी तरह सप्तमी की तिथि को सरस्वती का आह्वान किया जाता है। 
 
राहु छाया ग्रह है और देवी दुर्गा को छायारूपेण कहा गया है। दुर्गा पूजा से राहु के सभी अनिष्ट समाप्त होते हैं। राहु के लिए इष्ट देवी मां सरस्वती को माना गया है। लाल किताब में दुर्गा सप्तशती के प्रथम अध्याय का पाठ राहु का अचूक उपाय बताया गया है। मां को अति प्रिय नारियल भी राहु का ही प्रतीक है।
 
नवरात्रि में कैसे करें राहु को अनुकूल, करें यह उपाय
 
1. नवरात्रि में कलश के पास एक नारियल जरूर रखें।
 
2. नर्वाण मंत्र 'ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' का शाम को प्रतिदिन 108 बार जप करें। दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
 
3. मां सरस्वती को नीले पुष्प अर्पित करें।
 
4. राहु बीज मंत्र- ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: का जप करें। 
 
यह जप काले हकीक की माला पर दक्षिण-पश्चिम दिशा की तरफ मुख कर करें।
 
5. सप्तमी तथा दुर्गाष्टमी के दिन शाम को दुर्गा चालीसा, दुर्गा कवच, अर्गलास्तोत्र, कीलक स्तोत्र आदि सहित दुर्गा सप्तशती का विधिपूर्वक संपूर्ण पाठ करें। पाठ खत्म होने के पश्चात हवन करें। नीले पुष्प, सुपारी, पान, कमल गट्टा, जायफल, लौंग, छोटी इलायची, जौं, काले तिल, काली मिर्च, गूगल, शहद, घी की आहुति दें। हवन में 'ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' मंत्र की 108 आहुति, 'ॐ छौं छीं छौं स: राहवे स्वाहा' मंत्र की सूखी हुई दूब से 108 आहुति जरूर दें। अंत में नारियल की पूर्ण आहुति दें। अगर आपको विधि-विधान का पता नहीं तो किसी योग्य पंडित से कराएं।
नवरात्रि में विद्यार्थी क्या करें :- 
 
नवरात्रि सभी के लिए महत्व रखती है। इन नौ पवित्र दिनों में विद्यार्थियों को माता सरस्वती की आराधना अवश्य करनी चाहिए। जो लोग सरस्वती के कठिन मंत्र का जप नहीं कर सक‍ते उनके लिए प्रस्तुत है मां सरस्वती के सरल मंत्र। नवरात्रि में इस मंत्र जप का आरंभ करने और आजीवन इस मंत्र का पाठ करने से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है।
 
* 'ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।'
 
- मां सरस्वती का सुप्रसिद्ध मंदिर मैहर में स्थित है। मैहर की शारदा माता को प्रसन्न करने का मंत्र इस प्रकार है।
 
* 'शारदा शारदांभौजवदना, वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रियात्।'
 
- शरद काल में उत्पन्न कमल के समान मुखवाली और सब मनोरथों को देने वाली मां शारदा समस्त समृद्धियों के साथ मेरे मुख में सदा निवास करें।
 
* सरस्वती का बीज मंत्र 'क्लीं' है। शास्त्रों में क्लींकारी कामरूपिण्यै यानी 'क्लीं' काम रूप में पूजनीय है।
 
नीचे दिए गए मंत्र से मनुष्य की वाणी सिद्ध हो जाती है। समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाला यह मंत्र सरस्वती का सबसे दिव्य मं‍त्र है। 
 
* सरस्वती गायत्री मंत्र : 'ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्‌।'
 
इस मंत्र की 5 माला का जाप करने से साक्षात मां सरस्वती प्रसन्न हो जाती हैं तथा साधक को ज्ञान-विद्या का लाभ प्राप्त होना शुरू हो जाता है। विद्यार्थियों को ध्यान करने के लिए त्राटक अवश्य करना चाहिए। 10 मिनट रोज त्राटक करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। एक बार अध्ययन करने से कंठस्थ हो जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Baba vanga predictions: क्या है बाबा वेंगा की 'कैश तंगी' वाली भविष्यवाणी, क्या क्रेश होने वाली है अर्थव्यवस्था

मासिक धर्म के चौथे दिन पूजा करना उचित है या नहीं?

Money Remedy: घर के धन में होगी बढ़ोतरी, बना लो धन की पोटली और रख दो तिजोरी में

Margashirsha Month Festival 2025: मार्गशीर्ष माह के व्रत त्योहार, जानें अगहन मास के विशेष पर्वों की जानकारी

Baba Vanga Prediction: बाबा वेंगा की भविष्यवाणी: साल खत्म होते-होते इन 4 राशियों पर बरसेगी माता लक्ष्मी की कृपा

सभी देखें

धर्म संसार

Utpanna Ekadashi Katha Kahani: उत्पन्ना एकादशी व्रत की संपूर्ण पौराणिक कथा कहानी

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (11 नवंबर, 2025)

11 नवंबर को खुल जाएंगे आपके भाग्य, आ गया मेनिफेस्टेशन का समय, होगी मनोकामान पूर्ण

11 November Birthday: आपको 11 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 11 नवंबर, 2025: मंगलवार का पंचांग और शुभ समय

अगला लेख