नवरात्रि में महानवमी का महत्व, जानिए 9 खास बातें

अनिरुद्ध जोशी
गुरुवार, 14 अक्टूबर 2021 (11:16 IST)
नवरात्रि में नवमी तिथि नवरात्रि की अंतिम तिथि होती है। इसीलिए इसका खास महत्व होता है और इसे महानवमी कहते हैं। चैत्र और शारदीय नवरात्रि में इस तिथि को माता सिद्धिदात्री देवी की पूजा होती है। 14 अक्टूबर 2021 को शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि है। आओ जानते हैं कि महानवमी ( Mahanavami ka mahatva ) का क्या है महत्व।
 
 
1. नवमी तिथि चन्द्र मास के दोनों पक्षों में आती है। इस तिथि की स्वामिनी देवी माता दुर्गा है।
 
2. ज्योतिष के अनुसार यह तिथि रिक्ता तिथियों में से एक है। रिक्ता अर्थात खाली। इस तिथि में किए गए कार्यों की कार्यसिद्धि रिक्त होती है। यहीं कारण है कि इस तिथि में समस्त शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। मात्र माता की पूजा ही फलदायी होती है।
 
3. यह तिथि चैत्रमाह में शून्य संज्ञक होती है और इसकी दिशा पूर्व है। यह उग्र अर्थात आक्रामकता देने वाली तिथि हैं।
 
4. यह ‍तिथि शनिवार को सिद्धदा और गुरुवार को मृत्युदा मानी गई है। अर्थात शनिवार को किए गए कार्य में सफलता मिलती है और गुरुवार को किए गए कार्य में सफलता की कोई गारंटी नहीं।
 
5. इस तिथि में जगतजननी त्रिदेवजननी माता दुर्गा की पूजा करने से मनुष्य इच्छापूर्वक संसार-सागर को पार कर लेता है तथा हर क्षेत्र में सदा विजयी प्राप्त करता है।
 
6. नवमी तिथि के शुक्ल पक्ष में दुर्गा की पूजा शुभ लेकिन शिव पूजन अशुभ है। हालांकि कृष्ण नवमी को शिव पूजन कर सकते हैं।
 
7. जीवन में यदि कोई संकट है अथवा किसी प्रकार की अड़चनें आने से काम नहीं हो पा रहा है तो जातक दुर्गा नवमी के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करके विधिवत समापन करें और कन्याओं को भोज कराएं।
 
8. नवमी के दिन लौकी खाना निषेध है, क्योंकि इस दिन लौकी का सेवन गौ-मांस के समान माना गया है। इस दिन कड़ी, पूरणपौल, खीर, पूरी, साग, भजिये, हलवा, कद्दू या आलू की सब्जी बनाई जा सकती है।
 
9. इस तिथि में लौकी के अलावा दूध, केला, प्याज, लहसुन और बैंगन का भी त्या कर देना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

केतु मचाएगा देश और दुनिया में तबाही, 18 माह संभलकर रहना होगा

बाबा वेंगा की साइलेंट किलर वाली भविष्यवाणी हुई सच! जानिए कैसा रहेगा वर्ष 2025

शनि मंगल का षडाष्टक योग और खप्पर योग कब तक रहेगा, 4 राशियों को रहना होगा सतर्क

राहु के कुंभ राशि में गोचर से देश और दुनिया में होंगे ये 5 बड़े बदलाव

2025 में कब मनाई जाएगी अपरा एकादशी, जानें पूजन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सभी देखें

धर्म संसार

वर्ष 2026 का भविष्यफल, जानिए क्या होने वाला है?

बृहस्पति वर्ष 2025 में अतिचारी होकर 3 बार करेंगे गोचर, वर्ष 2026 में मचाएंगे तबाही, भारत का क्या होगा?

पाकिस्तान में यहां शिव जी के आंसू से बना था अमृत कुंड, जानिए कटासराज शिव मंदिर का अद्भुत इतिहास

नौतपा 2025 : नवतपा के दौरान क्या करें और क्या न करें: जानें काम की बाते

क्यों चर्चा में है पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिन्दुओं का पवित्र शक्तिपीठ हिंगलाज माता मंदिर, जानिए पौराणिक महत्त्व

अगला लेख