भारत देश पर कविता : गुदड़ी का लाल

लावण्या शाह
मैं अधजागा, अधसोया क्यों हूं?
मैं अब भी भूखा-प्यासा क्यों हूं?
 
क्या भारत मेरा देश नहीं है?
क्या मैं भारत का लाल नहीं हूं?
 
क्यों तन पर चिथड़े हैं मेरे?
क्यों मन मेरा रीता उदास है?
 
क्यों ईश्वर मुझसे छिपा हुआ है?
क्यों जीवन बोझ बना हुआ है?
 
आंखें मेरी सोएं तो कैसे?
और वे रोएं भी तो कैसे?
 
क्या हासिल होगा रोने से?
दु:ख जड़ गहरे पानी पैठा है।
 
क्या मैं भारत का बाल नहीं?
क्या मैं भी तेरा लाल नहीं?
 
क्यों सौभाग्य मेरे भाल नहीं?
क्यों प्रश्नचिह्न है जीवन मेरा?
 
बड़े आदमी बनने का सपना,
खुली आंखों से देख रहा हूं।
 
माता अब मेरे अश्रु पोंछ ले, 
क्या मैं गुदड़ी का लाल नहीं?

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

ALSO READ: पन्द्रह अगस्त पर कविता : आजादी का पावन पर्व

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

चैत्र नवरात्रि 2025: नवरात्रि में कम करना चाहते हैं वजन, तो भूलकर भी ना खाएं ये 6 चीजें

गुड़ी पड़वा पर क्यों खाई जाती है कड़वी नीम और गुड़, जानिए सेहत को मिलते हैं क्या फायदे

डायबिटीज-कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकते हैं नवरात्रि व्रत में खाए जाने वाले ये 7 सुपर फूड, सेहत को मिलते हैं अनगिनत फायदे

Chaitra navratri diet: नवरात्रि में कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल? जानें सही डाइट टिप्स

चैत्र नवरात्रि में घर के वास्तु दोष दूर करने के लिए करिए ये सरल उपाय, मां दुर्गा की बरसेगी कृपा

सभी देखें

नवीनतम

अप्रैल फूल 2025: दोस्तों और परिवार को हंसाने के लिए आजमाएं ये शानदार व्हाट्सएप प्रैंक और मजेदार चुटकुले, जानिए अप्रैल फूल डे का इतिहास

ईद उल-फ़ित्र पर क्या-क्या बनाएं, जानें ईद उल फितर के पकवानों की सूची

नागपुर हिंसा के पीछे की सोच को समझना होगा

काली हूं, पर कमजोर नहीं; IAS शारदा मुरलीधरन ने रंगभेद की कब्र खोद डाली

क्यों एक महिला IAS ने माँ से कहा था; मुझे पेट में रख कर फिर से गोरा बना सकती हो?

अगला लेख