पितृ दिवस पर कविता : हर सुबह का सूरज हैं आप

रेखा भाटिया
वह कौन सा गीत गाऊं, कौन से शब्द दोहराऊं,
जिसमें मैं अपने पापा का वर्णन सुनाऊं!
 
मुझे ऐसा लगे हर सुबह का सूरज आप हैं,
अथाह समुंदर कोई और नहीं आप ही हैं पापा,
 
पृथ्वी के माथे लगा चंद्र भी आप हैं,
खिली बगिया का झूला भी आप ही तो हैं पापा,
 
खुला नीला आकाश भी आप ही हैं,
वर्षा का रिमझिम सावन भी आप ही तो हैं पापा,
 
खुशियोंभरा जादू का पिटारा भी आप हैं,
मेरे डर को भगाने वाला भूत भी आप ही तो हैं पापा,
ज्ञान की राह दिखाने वाले भी आप हैं,
आध्यात्मिक गूढ़ पहेली सुलझाने वाले आप ही तो हैं पापा,
 
जीवन अर्थ मूल्य समझाने वाले भी आप ही हैं,
मैं कुछ और नहीं मात्र एक परछाई ही तो हूं आपकी पापा,
 
चारों दिशाएं, मेरी दुनिया भी आप हैं,
आपसे इतना जुड़कर भी कितनी दूर है लाड़ली आपकी पापा,
 
हिचकी जब भी आती है जानती हूं कारण आप हैं,
भीगी आंखों में हौसला भी है परंतु याद आती है आपकी पापा,
 
वो कौन सा गीत गाऊं, कौन से शब्द दोहराऊं,
जिसमें मैं अपने पापा का वर्णन सुनाऊं! 

ALSO READ: Father's Day 2021 : पिता बनने के बाद छोड़ देना चाहिए ये बुरी आदतें....

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

ये हेल्दी फैट्स हार्ट को रखते हैं दुरुस्त, कोलेस्ट्रॉल भी रहता है कंट्रोल

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम और महत्व

05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस, जानें पर्यावरण संरक्षण पर 20 प्रेरणादायक और प्रभावी स्लोगन

पेट के लिए वरदान है जामुन, जानिए इसके चमत्कारी फायदे

सावधान! अधूरी नींद की वजह से खुद को ही खाने लगता है आपका दिमाग

अगला लेख