हिन्दी कविता : यादें

देवयानी एस.के.
ढ़ीठ होती हैं यादें, बेबाक होती हैं यादें
बेवक्त की बारिश सी सनकी होती हैं यादें
दुआ मरहम से भी लाइलाज होती हैं
पुराने ज़ख्मों सी ज़िद्दी होती हैं यादें
 
कसमसाती हैं यादें, छटपटाती है यादें
मुंह को कसैला कर जाती हैं कुछ यादें
दिल के तहख़ाने में घुट-घुट के जीती हैं
मर मिटने की दुआएं मांगती हैं कुछ यादें
 
गुदगुदाती है यादें, मुस्कुराती हैं यादें
शैम्पेन के बुलबुलों सी उमड़ती हैं यादें
वक्त की परत को सरसर चीरती हैं
दिल में कोंपलों सी फूटती हैं यादें
 
लुभाती हैं यादें, रिझाती हैं यादें
पुरानी गलियों से पुकारती हैं यादें
किसी की आंखों में झिलमिल चमकती हैं
और किसी के आंखों से बरसती हैं यादें
 
लहलहाती हैं यादें, हरहराती हैं यादें
रिश्तों की उधेड़बुन में बनती दरकती हैं यादें
धड़कनों में चलती हैं, सांसों में बहती हैं
जब तक जान, साथ रहती हैं यादें। 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

ये 10 फूड्स खाकर बढ़ जाता है आपका स्ट्रेस, भूलकर भी ना करें इन्हें खाने की गलती

खाली पेट पेनकिलर लेने से क्या होता है?

बेटी को दीजिए ‘इ’ से शुरू होने वाले ये मनभावन नाम, अर्थ भी मोह लेंगे मन

खाने में सफेद नमक की जगह डालें ये 5 चीजें, मिलेगा परफेक्ट और हेल्दी टेस्ट

Hustle Culture अब पुरानी बात! जानिए कैसे बदल रही है Work की Definition नई पीढ़ी के साथ

सभी देखें

नवीनतम

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और गूगल के वर्तमान संदर्भ में गुरु की प्रासंगिकता

पुस्तक समीक्षा: मन में गहरे उतरते, यादों के अवशेष

सावन सोमवार का व्रत रखने के बाद क्या खाएं, व्रत तोड़ने के नियम और टिप्स

गुरु पूर्णिमा पढ़ें गुरु पर दोहे

सावन में क्यों नहीं करना चाहिए मांस-मदिरा का सेवन? जानिए 5 वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी कारण

अगला लेख