3 सितंबर : आज भी है अजा एकादशी, जानिए कब लगेगी बछ बारस, जानिए मुहूर्त

Webdunia
आज भाद्रपद कृष्ण पक्ष की जया/ अजा एकादशी और यह बछ बारस का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन जहां भगवान विष्णु का पूजन होगा वहीं बछ बारस का पर्व भी मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन गाय-बछड़े का पूजन करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। इस अवसर पर गाय और बछड़े की पूजा की जाती है। इस दिन माताएं पुत्र की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। भाद्रपद में पड़ने वाले इस पर्व ‘गोवत्स द्वादशी’ नाम से भी जाना जाता हैं।  इस वर्ष यह पर्व शुक्रवार, 3 सितंबर को मनाया जा रहा है तथा पंचाग मतभेद के चलते यह पर्व शनिवार, 4 सितंबर को भी मनाया जाएगा। 
 
आज अजा एकादशी की तिथि सुबह 07.44 मिनट समाप्त हो गई तथा एकादशी पारणा का समय शनिवार, 4 सितंबर 2021 को सुबह 05.30 मिनट से सुबह 08.23 मिनट तक रहेगा। उसके बाद द्वादशी तिथि शुरू हो जाएगी। गोवत्स द्वादशी की पूजा आज ही की जाएगी। ज्योतिषियों की मानें बछ बारस या गोवत्स द्वादशी का पूरा दिन ही पूजन के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन अगर पुत्रवती माताएं पूरे विधि-विधान से गाय और बछड़े का पूजन करके उन्हें हरा चारा आदि खिलाती हैं, तो मां की कृपा प्राप्त होती है। 
 
ALSO READ: 3 सितंबर: बछ बारस का क्यों है महत्व, कैसे करते हैं पूजा

ALSO READ: 3 सितम्बर, गोवत्स द्वादशी : क्या करें इस दिन, जानिए बछ बारस की कथा
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

कुंभ राशि में अस्त हो रहे हैं शनि, इन 5 राशि वाले जातकों की बढ़ेंगी मुश्किलें

क्या होगा अरविंद केजरीवाल का राजनैतिक भविष्य? क्या कहते हैं उनकी कुंडली के सितारे?

होली पर चंद्र ग्रहण से किन 3 राशियों पर होगा इसका नकारात्मक प्रभाव?

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीजें, रह जाएंगे भोलेनाथ की कृपा से वंचित

सभी देखें

धर्म संसार

ब्रज की होली के 5 सबसे लोकप्रिय गीत

जानकी जयंती 2025: माता सीता का जन्म कब और कैसे हुआ था?

Mahashivratri 2025: कैसे करें महाशिवरात्रि का व्रत?

Aaj Ka Rashifal: इन 5 राशियों को मिलेगा आज कारोबार में अपार धनलाभ, पढ़ें 17 फरवरी का दैनिक भविष्यफल

17 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

अगला लेख