Hariyali Amavas : कैसे मनाएं हरियाली अमावस्या पर्व, जानिए 15 खास बातें

Webdunia
Hariyali Amavasya 2020
  
* क्या करें हरियाली अमावस्या के दिन, जानिए 

श्रावणी, हरियाली अमावस्या का पर्व भारत के कई इलाकों में प्रमुखता से मनाया जाता है। यह पर्व राजस्थान (दक्षिण-पश्चिम), गुजरात (पूर्वोत्तर), उत्तरप्रदेश (दक्षिण-पश्चिम) तथा मध्यप्रदेश में मालवा, निमाड़, हरियाणा एवं पंजाब के इलाकों में मनाया जाता है।
 
आइए जानें क्या करें इस दिन, पढ़ें 15 खास बातें- 
 
1. भविष्य पुराण के अनुसार जिन्हें संतान न हो, उनके लिए वृक्ष ही संतान हैं अत: इस दिन निष्काम भाव से वृक्ष लगाना चाहिए।
 
2. हमें ऑक्सीजन देने वाले पीपल में ब्रह्मा, विष्णु, शिव का वास होता है अत: वृक्ष लगाने में सहयोग करने से उसमें विराजित देवता हमारी सभी इच्छाएं पूर्ण करते हैं। 
 
3. अपने पितरों की शांति के लिए हवन आदि करवाने का विशेष महत्व है। 
 
4. शास्त्रों के अनुसार इस तिथि के स्वामी पितृदेव हैं अत: पितरों की प्रसन्नता के लिए ब्राह्मण को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा अवश्य देना चाहिए।
 
5. हरियाली अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने ईष्टदेव का ध्यान लगाना चाहिए। 
 
6. अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए किसी एकांत स्थान के जलाशय में स्नान करके योग्य ब्राह्मण को दान देना चाहिए। 
 
7. अपने पितृगण को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पितरों को स्मरण करते हुए वृक्ष लगाना चाहिए।
 
8. इस दिन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए। 
 
9. सिर्फ वृक्ष लगाने से काम नहीं चलेगा अत: हमें उन्हें खाद-पानी देने का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। 
 
10. प्रकृति, पर्यावरण एवं वृक्षों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने हेतु हर व्यक्ति को हरियाली अमावस्या पर 1-1 पौधा रोपण अवश्य करना चाहिए। 
 
11. स्नान दान के लिए अमावस्या बहुत ही सौभाग्यशाली तिथि मानी जाती है। खासकर पितरों की आत्मा की शांति के लिए हवन-पूजा, श्राद्ध-तर्पण आदि करने के लिए तो अमावस्या श्रेष्ठ तिथि होती है।
 
12. हरियाली अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करके इसके फेरे लिए जाते हैं और मालपुओं का भोग लगाया जाता है।
 
13. इस दिन पीपल, बरगद, केला, नीबू, तुलसी आदि का वृक्षारोपण करना अतिशुभ माना जाता है। दरअसल वृक्षों की प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के पर्व के रूप में भी हरियाली अमावस्या को जाना जाता है। 
 
14. हरियाली अमावस्या के दिन नए पौधे लगाकर उसकी देखभाल करने, उन्हें नियमित जल देने और खाद आदि देने से अनंत पुण्य फल की प्राप्ति होती है। 
 
15. पौधारोपण के लिए विशेषकर अनुराधा, मूल, विशाखा, पुष्य, श्रवण, उत्तरा भाद्रपदा, रोहिणी, मृगशिर, रेवती, अश्विनी, हस्त, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, चित्रा आदि नक्षत्र शुभ फलदायी माने जाते हैं।

ALSO READ: हरियाली अमावस्या 2020 कब है : जानिए शुभ मुहूर्त और शुभ संयोग

ALSO READ: हरियाली अमावस्या के दिन करेंगे ये 5 कार्य तो होगा अपार लाभ

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Hariyali Teej 2024: हरतालिका तीज के 9 सरल मंत्र, पूजा के बाद बोलें पूरी रात

गणेश चतुर्थी पर घर पर कैसे करें गणपति की पूजा, जानिए संपूर्ण पूजा विधि और पूजन सामग्री

Hariyali Teej 2024: हरतालिका तीज में महिलाएं क्यों रातभर जागती हैं, जागरण नहीं करेंगी तो क्या होगा?

Hartalika Teej 2024: पहली बार करने जा रही हैं हरतालिका तीज व्रत, तो जान लें जरूरी बातें

Hartalika teej: हरतालिका तीज व्रत का पौराणिक महत्व और कथा

सभी देखें

धर्म संसार

onam 2024 : थिरुवोणम दस दिवसीय ओणम महोत्सव एवं परंपरा की 15 खास बातें

Aaj Ka Rashifal: 04 सितंबर का दिन क्या खास लेकर आया है 12 राशियों के लिए (पढ़ें अपना राशिफल)

04 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

04 सितंबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त

बुध का सिंह राशि में गोचर: 2 राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

अगला लेख