जल का महत्व समझाता है पूरा ज्येष्ठ मास और इस माह के शुभ पर्व

Webdunia
शुक्रवार, 20 मई 2022 (13:05 IST)
Jyeshtha Maas 2022 Vrat Tyohar: 17 मई से ज्येष्ठ माह प्रारंभ हो गया है जो 14 जून तक रहेगा। इस माह में गर्मी अपने चरम पर होती है। इसी माह में नौतपा प्रारंभ होता है। ज्येष्ठ माह में इसीलिए जल का महत्व बढ़ जाता है। आओ जानते हैं ज्येष्‍ठ माह में जल का महत्व और शुभ पर्व।
 
 
जल का महत्व : ज्येष्ठ माह में सूर्य की किरणें धरती पर सीधी पड़ती है जिसके चलते प्रचंड गर्मी होती है। प्रचंड गर्मी के चलते शरीर और धरती पर स्थित जल का वाष्पीकरण बढ़ जाता है। ऐसे में उचित मात्रा में पानी पीते रहना जरूरी है। शास्त्रों में इसी माह में जल के संरक्षण का महत्व बताया गया है। ज्येष्ठ मास में जल के दान को बहुत बड़ा पुण्य माना गया है। स माह का स्वामी मंगल है। इसीलिए इस माह में मंगल का दान करना चाहिए और मंगलवार का व्रत रखना चाहिए। इस माह में हनुमानजी की पूजा का खासा महत्व रहता है। इस माह वरुण और सूर्य देव की पूजा करने का भी महत्व है। वरुण जल के तो सूर्यदेव अग्नि के देवता है।
 
 
जल से जुड़े शुभ पर्व : निर्जला एकादशी, गंगा दशहरा, वट सावित्री और त्रिविक्रम जयंती।
 
ganga nadi
इस माह के शुभ पर्व : 
 
17 मई : मीना समाज मंदिर। नारद जयंती। प्रतिपदा तिथि, बड़ा मंगलवार व्रत।
 
19 मई : गणेश चतुर्थी व्रत। एकदंत संकष्टी चतुर्थी।
 
22 मई : मासिक कालाष्टमी व्रत।
 
26 मई : अचला/अपरा एकादशी का व्रत।
 
27 मई : प्रदोष व्रत।
 
28 मई : शिव चतुर्दशी व्रत या मासिक शिवरात्रि।
 
29 मई : ज्येष्ठ मास की द्वादशी तिथि को त्रिविक्रम जयंती मनाई जाती है।
 
30 मई : वट सावित्री व्रत, सोमवती अमावस्या और शनि जयंती। ज्येष्ठ मास की त्रयोदशी को शनि जयंती मनाई जाएगी। 
 
31 मई : चंद्र दर्शन।
 
03 जून : विनायक चतुर्थी।
 
07 जून : मासिक दुर्गाष्टमी व्रत।
 
09 जून : गंगा दशहरा।
 
10 जून: निर्जला एकादशी।
 
12 जून: प्रदोष व्रत।
 
14 जून: ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, वट पूर्णिमा व्रत।
--------------------------------------------------

सम्बंधित जानकारी

Show comments

किचन की ये 10 गलतियां आपको कर्ज में डुबो देगी

धन प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी के 12 पावरफुल नाम

रात में नहीं आती है नींद तो इसके हैं 3 वास्तु और 3 ज्योतिष कारण और उपाय

मोहिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, जानें शुभ मुहूर्त

32 प्रकार के द्वार, हर दरवाजा देता है अलग प्रभाव, जानें आपके घर का द्वार क्या कहता है

Char Dham Yatra : छोटा चार धाम की यात्रा से होती है 1 धाम की यात्रा पूर्ण, जानें बड़ा 4 धाम क्या है?

देवी मातंगी की स्तुति आरती

Matangi Jayanti 2024 : देवी मातंगी जयंती पर जानिए 10 खास बातें और कथा

कबूतर से हैं परेशान तो बालकनी में लगाएं ये 4 पौधे, कोई नहीं फटकेगा घर के आसपास

Panch Kedar Yatra: ये हैं दुनिया के पाँच सबसे ऊँचे शिव मंदिर

अगला लेख