Vijaya parvati Vrat katha : आज अवश्य पढ़ें विजया पार्वती व्रत की पौराणिक कथा

Webdunia
Jaya Parvati Vrat Katha
 
शुक्रवार, 3 जुलाई 2020 को विजया पार्वती व्रत मनाया जाएगा। इस दिन यह कथा पढ़ने अथवा सुनने का बहुत महत्व है। आइए जानें... 
 
विजया पार्वती व्रत की पौराणिक कथा के अनुसार किसी समय कौंडिल्य नगर में वामन नाम का एक योग्य ब्राह्मण रहता था। उसकी पत्नी का नाम सत्या था। उनके घर में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं थी, लेकिन संतान नहीं होने से वे बहुत दुखी रहते थे।
 
एक दिन नारद जी उनके घर पधारें। उन्होंने नारद की खूब सेवा की और अपनी समस्या का समाधान पूछा। तब नारद जी ने उन्हें बताया कि तुम्हारे नगर के बाहर जो वन है, उसके दक्षिणी भाग में बिल्व वृक्ष के नीचे भगवान शिव माता पार्वती के साथ लिंगस्वरूप में विराजित हैं। उनकी पूजा करने से तुम्हारी मनोकामना अवश्य ही पूरी होगी।
 
तब ब्राह्मण दंपत्ति ने उस शिवलिंग की ढूंढकर उसकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। इस प्रकार पूजा करने का क्रम चलता रहा और 5 वर्ष बीत गए।

एक दिन जब वह ब्राह्मण पूजन के लिए फूल तोड़ रहा था तभी उसे सांप ने काट लिया और वह वहीं जंगल में गिर गया। ब्राह्मण जब काफी देर तक घर नहीं लौटा तो उसकी पत्नी उसे ढूंढने आई। पति को इस हालत में देख वह रोने लगी और वन देवता व माता पार्वती को स्मरण किया।
 
ब्राह्मणी की पुकार सुनकर वन देवता और मां पार्वती चली आईं और ब्राह्मण के मुख में अमृत डाल दिया, जिससे ब्राह्मण उठ बैठा। तब ब्राह्मण दंपत्ति ने माता पार्वती का पूजन किया। माता पार्वती ने उनकी पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें वर मांगने के लिए कहा। तब दोनों ने संतान प्राप्ति की इच्छा व्यक्त की, तब माता पार्वती ने उन्हें विजया पार्वती व्रत करने की बात कहीं। 
 
आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी के दिन उस ब्राह्मण दंपत्ति ने विधिपूर्वक माता पार्वती का यह व्रत किया, तब उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। इस दिन व्रत करने वालों को संतान की प्राप्ति होती है तथा उनका सौभाग्य अखंड बना रहता है। 
 
- RK

ALSO READ: Vijaya Parvati Vrat 2020 : 3 जुलाई को विजया-पार्वती व्रत, यहां पढ़ें महत्व, पूजा विधि एवं मंत्र

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

कई मंगलकारी योग में मनाई जाएगी कजरी तीज, जानें रीति रिवाज, व्रत की तिथि, पूजा और पारण समय

कब से प्रारंभ हो रहे हैं श्राद्ध पक्ष और कब है पितृपक्ष की सर्वपितृ अमावस्या?

भादो माह में क्या नहीं खाना चाहिए और क्या करना चाहिए?

अगस्त में सितारों का खेल: इस हफ्ते आपके जीवन में क्या-क्या होगा?

बुध का कर्क राशि में उदय, 5 राशियों को रहना होगा संभलकर

सभी देखें

धर्म संसार

13 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

13 अगस्त 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

पंजीरी भोग क्या है, क्यों है भगवान श्रीकृष्ण को अतिप्रिय

जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्‍ण को 8 वक्त क्यों लगाएं भोग, जानिए रहस्य

भारत के नए संसद भवन में खतरनाक वास्तु दोष, देश में फैलेगी अराजकता, सीमाओं पर भड़केगा युद्ध

अगला लेख