केवट जयंती : रामायण के निषादराज गुह्य के बारे में जानें 5 बातें

WD Feature Desk
बुधवार, 15 मई 2024 (13:30 IST)
Highlights : 
निषादराज गुह्य कौन थे. 
रामायण के निषादराज गुह्य के बारे में जानें 
केवट जयंती पर जानें उनके बारें में

ALSO READ: रावण का अहंकार तोड़ेंगे हनुमान, श्रीमद् रामायण में शुरू होने जा रहा लंका दहन अध्याय
 
Nishad Raj story: आज भगवान श्रीराम के परम मित्र केवट या निषाद राज की जयंती मनाई जा रही है, आइए जानते है उनके  बारें  में ५ खास बातें
 
* पौराणिक मत के अनुसार केवट यानी निषाद राज भोईवंश से थे और मल्लाह का काम करते थे। 
 
* केवट रामायण का एक खास पात्र माने गए हैं, जिन्होंने प्रभु श्रीराम को १४ वर्ष के वनवास के दिनों में माता सीता और लक्ष्मण के साथ अपनी नाव में बिठा कर गंगा पार करवाया था। 
 
* रामायण के अयोध्याकांड में निषादराज केवट का वर्णन मिलता है, जिसके अनुसार प्रभु श्रीराम केवट को आवाज देकर कहते हैं- नाव किनारे ले आओ, पार जाना है। 
 
* 'मागी नाव न केवटु आना। कहइ तुम्हार मरमु मैं जाना॥ चरन कमल रज कहुं सबु कहई। मानुष करनि मूरि कछु अहई॥' तब श्रीराम द्वारा केवट से नाव मांगाने पर केवट वह नहीं लाता है। और कहता है की ' प्रभु मैंने आपका मर्म जान लिया। पहले आप अपने चरण धुलवाओ, फिर नाव पर चढ़ाऊंगा। 
 
* केवट प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त थे, जिन्होंने अयोध्या के राजकुमार को छुकर  उनका सान्निध्य प्राप्त करके उनके साथ नाव में बैठकर अपना खोया हुआ सामाजिक अधिकार प्राप्त करने का सोच रहे थे। इसी कारण त्रेता के संपूर्ण समाज में केवट की प्रतिष्ठा मानी गई हैं। इसीलिए आज के दिन केवट समाज द्वारा बड़े ही भव्य रूप से शोभायात्रा निकाल कर उनकी जयंती मनाई जाती है और इस दिन प्रसाद वितरण भी  किया जाता है। 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लाल किताब के अनुसार मंगल दोष से बचने के 10 अचूक उपाय, फिर निश्चिंत होकर करें विवाह

क्या आप जानते हैं चातुर्मास के समय क्यों योग निद्रा में चले जाते हैं भगवान विष्णु, नहीं होते मांगलिक कार्य

क्या फिर कहर बरपाएगा कोरोना, क्या है जापानी बाबा वेंगा की भविष्यवाणी

शीघ्र विवाह बंधन में बंधना चाहते हैं आजमाएं ये 5 प्रभावी उपाय

मांगलिक दोष शुभ या अशुभ, जानें इसके फायदे और ज्योतिषीय उपाय

सभी देखें

धर्म संसार

15 जून 2025 : आपका जन्मदिन

एयर इंडिया विमान हादसे का क्या कनेक्शन है जगन्नाथ मंदिर और अच्युतानंद महाराज की गादी से

मन सच्चा, कर्म अच्छा और बाकी सब महादेव की इच्छा... पढ़ें शिव जी पर लेटेस्ट कोट्स

15 जून 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

कामाख्या मंदिर जहां राजा रघुवंशी को लेकर गई थी पत्नी सोनम माना जाता है तांत्रिकों और अघोरियों का गढ़, जानिए मंदिर के रहस्य

अगला लेख