Mangla Teras Vrat: मंगला तेरस आज, जानें महत्व और कैसे प्रसन्न होंगी देवी पार्वती

WD Feature Desk
शुक्रवार, 19 जुलाई 2024 (11:35 IST)
Mangla Teras 2024
 
Highlights 
 
- माता पार्वती को प्रसन्न करने वाला व्रत।
- मंगला तेरस व्रत के दिन होगी शिव-पार्वती की पूजा।
- आषाढ़ मास की त्रयोदशी व्रत का महत्व।

ALSO READ: विजया पार्वती व्रत की पौराणिक कथा, मिलेगा संतान सुख और अखंड सौभाग्य का वरदान
 
Lord Shiv Pravati Worship : धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी के दिन एक विशेष व्रत किया जाता है, जिसे मंगला तेरस के नाम से जाना जाता है। इस बार वर्ष 2024 में यह व्रत 19 जुलाई 2024, दिन शुक्रवार को किया जा रहा है। इसी दिन शुक्र प्रदोष व्रत भी रखा जा रहा हैं। 
 
मंगला तेरस व्रत का रहस्य भगवान श्रीहरि विष्णु ने देवी लक्ष्मी को बताया था। इस व्रत को ही अन्य नाम जया-पार्वती/ विजया-पार्वती व्रत के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह व्रत श्रावण/सावन मास शुरू होने से पहले पड़ता है, इसीलिए यह व्रत अधिक महत्व का और चमत्कारी माना गया है। यह व्रत शिव जी की अर्धांगिनी माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है, तथा इस दिन प्रमुख रूप से देवी पार्वती की पूजा की जाती है। 
 
मान्यतानुसार आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी के इस व्रत को मंगला तेरस के नाम से जाना जाता है। इस दिन माता पार्वती को लाल चुनरी, लाल चुड़ियां, कुमकुम और सुहाग की चीजें अर्पित करने से माता प्रसन्न होती हैं। पति-पत्नी में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की खास तौर पर पूजा की जाती है। मंगला तेरस के दिन मां पार्वती का पूरे दिन मनपूर्वक स्मरण करने से जीवन मंगलमयी होता है। इस दिन शिव-पार्वती का पूजन करके दिन भर व्रत रखकर सायंकाल में खीर का भोग कर उसी प्रसाद से अपना व्रत खोलने से भी देवी पार्वती प्रसन्न होती हैं। 
 
यदि किसी भी व्यक्ति को भगवान शिव जी को प्रसन्न करना हो तो उसे प्रदोष और मंगला तेरस व्रत अवश्य करना चाहिए, क्योंकि इस व्रत से भोलेनाथ प्रसन्न होकर सभी सुख, पुत्र प्राप्ति का वरदान देते हैं और सांसारिक जीवन को खुशियों से भर देते हैं। अत: आषाढ़ मास की त्रयोदशी यानी मंगला तेरस व्रत के दिन भगवान शिव-पार्वती की पूजा करने से हर कार्य में सफलता मिलती हैं, दुर्भाग्य दूर होकर सौभाग्य बढ़ता है। यह व्रत अखंड सौभाग्य, पुत्र प्राप्ति तथा कुंआरी युवतियां योग्य वर की कामना से यह रखती हैं। 

ALSO READ: Jaya Parvati Vrat 2024: जया पार्वती व्रत के शुभ मुहूर्त, जानें महत्व और पूजा विधि
 
व्रत के मंत्र :
 
- ॐ शिवाये नम:। 
- ॐ पार्वत्यै नमः 
- ॐ उमामहेश्वराभ्यां नम: 
- ॐ गौरये नम: 
- ॐ नम: शिवाय।
 
ALSO READ: सावन के महीने में रुद्राक्ष धारण करने से होता है भाग्योदय, जानिए कैसे चयन करें अपने लिए सही रुद्राक्ष

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

गुड़ी पड़वा से शुरू हो रही है 8 दिन की चैत्र नवरात्रि, हाथी पर सवार होकर आएंगी माता रानी, जानिए फल

jhulelal jayanti 2025: भगवान झूलेलाल की कहानी

चैत्र नवरात्रि पर घट स्थापना और कलश स्थापना क्यों करते हैं?

जानिए कब शुरू हो रही है केदारनाथ समेत चार धाम की यात्रा

51 शक्तिपीठों में से एक है कोलकाता का कालीघाट मंदिर, सोने से बनी है मां काली की जीभ

सभी देखें

धर्म संसार

Weekly Rashifal 2025: इस सप्ताह किन राशियों का चमकेगा भाग्य, पढ़ें अपना साप्ताहिक राशिफल

Weekly Panchang 2025 : साप्ताहिक कैलेंडर हिन्दी में, जानें मार्च माह के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि का क्या है महत्व?

Aaj Ka Rashifal: 23 मार्च के दिन किन राशियों के चमकेंगे सितारे, जानें अपना दैनिक राशिफल

23 मार्च 2025 : आपका जन्मदिन

अगला लेख